ज्योतिषाचार्य पंडित राजेश पाठक / जमशेदपुर : हिंदू मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन जब रोहिणी नक्षत्र पड़ता है तो इसी दौरान प्रभु श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. ऐसे में हर साल भादो के महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी या जिसे कृष्ण जन्मोत्सव भी कहते हैं मनाया जाता है. वर्ष 2022 में कृष्ण जन्माष्टमी का यह पावन पर्व 18 अगस्त और 19 अगस्त के दिन मनाया जाएगा.
तिथि और शुभ मुहूर्त
18 (वैष्णव मत) और 19 अगस्त (स्मार्त मत) 2022
(गुरुवार-शुक्रवार)
जन्माष्टमी मुहूर्त्त (19 अगस्त-2022)
निशीथ पूजा मुहूर्त: 24:03:00 से 24:46:42 तक
अवधि : 0 घंटे 43 मिनट
जन्माष्टमी पारणा मुहूर्त : 05:52:03 के बाद 20, अगस्त को.
जन्माष्टमी पर बन रहे हैं शुभ योग-संयोग
इस वर्ष 18 अगस्त गुरुवार के दिन वृद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है. इसके अलावा जन्माष्टमी पर अभिजीत मुहूर्त की बात करें तो यह 18 अगस्त को दोपहर 12:05 से शुरू होकर 12:56 तक रहने वाला है. इसके साथ ही वृद्धि योग 17 अगस्त को दोपहर 8:56 से शुरू होकर 18 अगस्त रात 8:41 तक रहेगा. ध्रुव योग 18 अगस्त को रात 8:41 से शुरू होकर 19 अगस्त को रात 8:59 तक रहेगा. यानी कि इस वर्ष 18 और 19 अगस्त इन दोनों ही दिन कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है और इन दोनों ही दिनों पर शुभ योगों का संयोग बनने वाला है.
जन्माष्टमी पर राशि अनुसार इन चीजों का भोग लगाए और श्रीकृष्ण की प्रसन्नता
भगवान श्री कृष्ण को नारायण का आठवां अवतार माना जाता है. कहते हैं जिनसे प्रभु श्री कृष्ण प्रसन्न हो जाएं, उनके जीवन में धन-धान्य, सुख-समृद्धि की कभी कोई कमी नहीं होती है. तो प्रभु श्रीकृष्ण की प्रसन्नता हासिल करने के लिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर आप उन्हें अपनी राशि के अनुसार क्या कुछ भोग अर्पित कर सकते हैं. जिससे आपको भी श्री कृष्ण का आसीम आशीर्वाद मिल सके.
- मेष राशि के जातक भगवान कृष्ण को लाल रंग के वस्त्र पहनाएं और माखन मिश्री का भोग लगाएं.
- वृषभ राशि के जातक चांदी के वर्क से श्री कृष्ण का शृंगार करें और उन्हें माखन का भोग लगाएं.
- मिथुन राशि के जातक भगवान श्री कृष्ण को लहरिया वस्त्र पहनाएं और दही का भोग अर्पित करें.
- कर्क राशि के जातक श्रीकृष्ण को सफेद वस्त्र पहनाएं और दूध और केसर का भोग अवश्य लगाएं.
- सिंह राशि के जातक भगवान कृष्ण को गुलाबी रंग के वस्त्र पहनाएँ और माखन मिश्री का भोग अर्पित करें.
- कन्या राशि के जातक श्रीकृष्ण को हरे रंग के वस्त्र पहनाएं और मावे की बर्फी का भोग लगाएं.
- तुला राशि के जातक गुलाबी या फिर केसरिया रंग के वस्त्र भगवान कृष्ण को पहनाएं और माखन मिश्री का भोग लगाएं.
- वृश्चिक राशि के जातक कृष्ण भगवान को लाल वस्त्र पहनाएं और भोग में मावा, माखन, या घी अर्पित करें.
- धनु राशि के जातक भगवान कृष्ण को पीले रंग के वस्त्र पहनाएं और पीली ही मिठाई का भोग कृष्ण को लगाएं.
- मकर राशि के जातक भगवान कृष्ण को नारंगी वस्त्र अर्पित करें और मिश्री का भोग लगाएं.
- कुंभ राशि के जातक प्रभु श्री कृष्ण को नीले रंग के वस्त्र पहनाएं और बालूशाही का भोग लगाएं.
- मीन राशि के जातक को पितांबरी पहनाएं और केसर और मावे की बर्फी का भोग लगाएं. (नीचे भी पढ़ें)
कृष्ण जन्माष्टमी पर क्या करें-क्या न करें-
अंत में जान लेते हैं कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा के दौरान हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.
इस दिन की पूजा में पंचामृत का भोग अवश्य लगाएं. भोग में तुलसी के पत्ते अवश्य शामिल करें. भगवान श्री कृष्ण को नए वस्त्र अवश्य पहनाएं. पूजा में हमेशा साफ बर्तनों का इस्तेमाल करें. इन बर्तनों में कभी भी मांसाहारी भोजन ना पकाया गया हो इस बात का विशेष ध्यान रखें. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन तुलसी के पौधे को लाल चुनरी से ढक दें और घी का दीपक जलाएं. इस दिन की पूजा रात में ही करें. इस दिन किसी को भी दुखी ना करें और ना ही किसी के साथ बुरा व्यवहार करें. इस दिन भूल से भी पेड़ पौधे ना काटें और ना ही उन्हें तोड़ें और उखाड़े. इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों की मदद और सेवा करें. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन महालक्ष्मी की पूजा अवश्य करें.