जमशेदपुर : वट सावित्री व्रत इस साल 10 जून यानी गुरुवार को है. हिन्दुओं में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है. वहीं कल साल का पहला सूर्यग्रहण भी लगेगा, जिसका प्रभाव भारत के आंध्र-प्रदेश और लद्दाख में देखने को मिलेगा. हिंदू पंचांग के अनुसार साल के ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत होता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान को वट वृक्ष के नीचे बैठ कर पुनः जीवित किया था, जिस कारण विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु व सुखी जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं. इस दिन स्त्रियां बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं. मान्यता के अनुसार वट वृक्ष के मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु तथा आगे के भाग में शिव का वास होता है. मान्यता है कि देवी सावित्री भी वट वृक्ष में निवास करती हैं. इस दिन सुबह स्नान कर महिलाएं संपूर्ण श्रृंगार करती हैं. फिर बांस व पीतल की कटोरी में पूरा सामान रख महिलाएं पूजा करती हैं. घर के पास या मंदिर के वट वृक्ष की जड़ में जल अर्पित करके, वट वृक्ष को पंखा से हवा करती हैं. वही दान-पुण्य में महिलाएं बांस के पात्र का दान करती हैं.
शुभ मुहूर्त- 9 जून को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से प्रारंभ हो रहा है. मान्यता के अनुसार कभी भी कोई भी व्रत सूर्योदय से लिया जाता है. इस लिए इस व्रत को गुरुवार के दिन सुहागिन महिलाओं द्वारा मनाया जाएगा. वहीं इस व्रत की समाप्ति 10 जून यानी गुरुवार 04 बजकर 22 मिनट तक रहेगा.
Vat-savitri-vrat-2021-वट सावित्री व्रत कल, इन बातों का रखे ध्यान, जानें शुभ मुहूर्त व पूजन की विधि
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