जमशेदपुर : मानगो गुरुद्वारा के प्रधान भगवान सिंह ने सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) की 9 अक्टूबर को होने वाली बैठक का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि उनको पता चला है कि सीजीपीसी के पूर्व प्रधान गुरमुख सिंह मुखे ने 9 अक्टूबर को इसकी बैठक बुलाई है और 16 अक्टूबर को जनरल बॉडी मीटिंग बुलाई है। भगवान सिंह ने कहा कि सीजीपीसी के प्रधान को बर्खास्त कर दिया गया है। पांच सदस्यीय टीम बनाई गई है। यही टीम कामकाज देख रही है। ऐसे में सीजीपीसी के पूर्व प्रधान द्वारा मीटिंग कॉल करना गलत है। वह लोग इसका विरोध करते हैं। भगवान सिंह ने कहा कि वह लोग सोमवार को एसएसपी से मिले थे और चुनाव कराने की मांग की थी। भगवान सिंह ने कहा कि एसएसपी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि पूजा के बाद सीजीपीसी के चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। भगवान सिंह ने कहा कि वर्तमान प्रधान का हस्तक्षेप रहेगा तो निष्पक्ष चुनाव नहीं हो पाएंगे। वह वर्तमान प्रधान का चुनाव में हस्तक्षेप बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। (नीचे भी पढ़ें व वीडिय देखें)
वहीं सीजीपीसी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे ने कहा है कि वे तख्त के ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर द्वारा जारी पत्र को नहीं मानते हैं। क्योंकि यह एकतरफा कार्रवाई है। पत्र जारी करने से पहले उन्हें पटना तख्त में बुलाकर पक्ष लेना चाहिए था, जो नहीं लिया गया। वहां एक पदाधिकारी के दबाव में चिट्ठी जारी कराई गई। अब गौहर को जत्थेदार की सेवा से हटा दिया गया है। क्योंकि उनपर करोड़ों रुपए गबन का आरोप है। ऐसे जत्थेदार की चिट्ठी व उनके द्वारा गठित पांच सदस्यीय संचालन समिति को नहीं मानते है। उन्होंने सीजीपीसी चुनाव की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। पिछले वर्ष कोरोना की वजह से चुनाव नहीं हो सका। इस वर्ष में चुनाव करा रहे है।