जमशेदपुर : जमशेदपुर के खेल जगत के लिए भी जाना जाता है. इसके तहत जमशेदपुर के फुटबॉल के प्रेमियों की जान बन चुकी जमशेदपुर फुटबॉल क्लब (जेएफसी) ने अपनी टीम में एक हरफनमौला खिलाड़ी को जगह दी है तो टाटा आर्चरी एकेडमी के लिए फिर से गौरव का समय आने वाला है.
जौकीचंद सिंह को जेएफसी में जोड़ा गया
जमशेदपुर फुटबॉल क्लब (जेएफसी) को अगले सीजन के लिए तैयार करने के लिए जबरदस्त काम चल रहा है. इसके तहत पहले नये कोच को इंट्री दी गयी तो अब नये खिलाड़ियों को इंट्री दी जा रही है. इसके तहत जैकीचंद सिंह को जमशेदपुर फुटबॉल क्लब में जगह दी गयी है. वे तीन साल के अनुबंध पर बहाल हुए है. अब तक वे एफसी गोवा के लिए खेल रहे थे. 27 साल के जैकीचंद बीते सीजन में पांच गोल दाग चुके थे और दो गोल दागने में अपनी अहम भूमिका निभायी थी. वे बारत के बेहतरीन फारवर्ड में से एक माने जाते है. इससे पहले वे केरला ब्लास्टर्स जैसी टीमों के साथ जुड़े रहे थे.
टाटा आर्चरी एकेडमी के कोच को मिलेगा द्रोणाचार्य अवार्ड
टाटा स्टील द्वारा संचालित टाटा आर्चरी एकेडमी के कोच धर्मेंद्र तिवारी को द्रोणाचार्य अवार्ड मिलने जा रहा है. उनको द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए पहले टाटा स्टील ने अपनी अनुशंसा भेजी थी, जिस पर राज्य सरकार ने मंजूरी देते हुए केंद्र सरकार के खेल मंत्रालय के पास भेजा है और खेल मंत्रालय ने भी अपनी मंजूरी दे दी है. अभी कुछ प्रक्रिया अपनाने के बाद इसकी घोषणा कर दी गयी.धर्मेंद्र तिवारी काफी साल से आर्चरी (तीरंदाजी) से जुड़े रहे है और टाटा स्टील से जुड़े हुए है. इससे पहले टाटा आर्चरी एकेडमी की कोच पूर्णिमा महतो को भी यह अवार्ड मिल चुका है. बिहार के सिवान के रहने वाले धर्मेंद्र तिवारी 4 दशक से भी ज्यादा समय से जमशेदपुर में रह रहे है. वे टाटा स््टील में आइएल 5 स्तर के अधिकारी के रुप में कार्यरत भी है. धर्मेंद्र तिवारी को आर्चरी में नेशनल लेवल तक खेल चुके है. इसके अलावा वे 3 गोल्ड भी जीत चुके है. 1994 से आर्चरी से जुड़े धर्मेंद्र तिवारी ने 1996 में टाटा आर्चरी एकेडमी में जुड़े. बतौर कोच वे इससे जुड़े. वर्तमान में वे मुख्य कोच के रुप में काम कर रहे है. धर्मेंद्र तिवारी के अलावा पूर्णिमा महतो को यह अवार्ड मिल चुका है जबकि संजीव सिंह को भी यह अवार्ड मिला है, जिनको पहले अर्जुन अवार्ड मिल चुका था.