जमशेदपुर : गोलमुरी स्थित एबीएम कॉलेज में जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय अन्तरविषयी राष्ट्रीय हिन्दी वेबीनार शुक्रवार को आरंभ हुआ. प्रथम दिन तकनीकी सत्र आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता रणेन्द्र कुमार (प्रख्यात समकालीन कथाकार सह निदेशक डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान झारखंड सरकार, रांची) ने की. अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में उनहोंने जनजातीय संस्कृति के महत्व एवं प्रासंगिकता पर विस्तार से प्रकाश डाला. प्रो किरण घई (सेवानिवृत्त प्राध्यापक पटना विश्वविद्यालय, पटना) ने कहा कि आधुनिकीकरण के दौर में अपनी सांस्कृतिक विरासत को हम भूलते जा रहे हैं. लोक साहित्य की विविध विधाओं को संरक्षित करना ही हमारा परम कर्तव्य है. (नीचे भी पढ़ें)
कार्यक्रम के आरंभ में प्राचार्या सह आयोजन सचिव डॉ मुदिता चन्द्रा ने अतिथियों का विधिवत स्वागत किया. विशेषज्ञ समिति की सम्मानित सदस्य डॉ संध्या सिन्हा ने शोध आलेखों के अन्तविक्षण के दौरान किए गए अनुभवों को साझा किया. विशेषज्ञ समिति द्वारा चयनित प्रतिभागियों ने अपने शोध आलेख का वाचन किया. कार्यक्रम का संचालन नवनीत कुमार सिंह व धन्यवाद ज्ञापन प्रो बीपी महारथा ने किया. इस दौरान सह आयोजन सचिव मीरा मुंडा, डॉ अवध बिहारी पुरान के साथ महाविद्यालय के सभी वरिष्ठ शिक्षक डॉ बीबी भुइंया, डॉ राजेंद्र भारती, डॉ आरके चौधरी सहित सभी शिक्षक एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे. इसमें तकनीकी सहायक कन्हैया कुमार, भवेश कुमार, उत्पल चक्रवर्ती आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा. शनिवार (27 मार्च) को सुबह 11:30 बजे से समापन सत्र होगा, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, वरिष्ठ कथाकार मैत्रयी पुष्पा जुड़ेंगी. कार्यक्रम क्रम के दौरान शोध पत्रिका ‘शोध- सरिता’ का लोकार्पण एवं उत्कृष्ट शोध पत्र सम्मान की उद्घोषणा मुख्य अतिथि करेंगे.