जमशेदपुर : अरका जैन विश्वविद्यालय में आईक्यूएसी और फैशन डिजाइन विभाग ने आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के सहयोग से पांच दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसका नेतृत्व द आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के संचालन अखिलेश परमानु फैकल्टी ने किया. वह 13 वर्षों से फाउंडेशन के फैकल्टी रहे हैं और 10 से अधिक देशों का संचालन कर चुके हैं. उन्होंने देश के विभिन्न प्रमुख संस्थानों से पेशेवरों को प्रशिक्षित किया है और वे स्वयं आईआईटीबीयू के पूर्व छात्र हैं. (नीचे भी पढ़ें)
कार्यक्रम का उदघाटन निदेशक अमित श्रीवास्तव , मुख्य वित्त अधिकारी रिचा गर्ग, रजिस्ट्रार जसबीर सिंह धनजल, परीक्षा नियंत्रक और विभिन्न विभागों के प्रमुख द्वारा किया गया. अरका जैन विश्वविद्यालय के निदेशक अमित कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि “यह पूरा सत्र सिर्फ सीखने का अनुभव नहीं होना चाहिए बल्कि हमारे रोजमर्रा के जीवन में लागू करने के लिए कुछ होना चाहिए. मुख्य वित्त अधिकारी रिचा गर्ग ने कहा आर्ट ऑफ लिविंग कुछ और नहीं बल्कि वह तकनीक है, जिसके माध्यम से मनुष्य अपने तनाव और चिंताओं को दूर कर जीवन में खुशी और आनंद लाने की कला सिखाता है. रजिस्ट्रार जसबीर सिंह धनजल ने कहा आर्ट ऑफ़ लिविंग के माध्यम से कभी संघर्ष किया जाता है, तो कभी उस संघर्ष से मुक्ति पाई जाती है. आर्ट ऑफ़ लिविंग, यश-प्राप्ति, धन-प्राप्ति, शान्ति-प्राप्ति तथा समाज को सही राह दिखाने का माध्यम भी बनती है. साथ ही उन्होंने मार्गदर्शन देते हुए कहा कला केवल उल्लास, हर्ष और आनन्द को प्रकट करने का माध्यम ही नहीं है, बल्कि समाज को परिवर्तन की ओर भी उन्मुख करती है और उसमें एक नवीन चेतना जागृत करती है. (नीचे भी पढ़ें)
ब्रीडिंग तकनीक वर्तमान क्षण में जीने और खुद का बेहतर संस्करण बनाने में मदद करेगी. अरका जैन विश्वविद्यालय के 5-दिवसीय एफडीपी में विश्वविद्यालय के शीर्ष प्रबंधन, संकाय सदस्य और कर्मचारी शामिल हुए. इसका उद्देश्य कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्यस्थल और तनाव मुक्त वातावरण बनाना है. शिक्षाविदों के रूप में, छात्रों के भविष्य को आकार देने की जिम्मेदारी संकायों की होती है; यह एफडीपी संकायों को ऐसा करने के लिए सशक्त करेगा.