बहरागोड़ा : कोलहान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ प्रोफेसर गंगाधर पांडा ने शनिवार को अपने कार्यकाल का प्रथम दौरा बहरागोड़ा महाविद्यालय का किया. श्री पांडा ने कॉलेज पहुंच कर कॉलेज के संस्थापक हराधन घोष की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी. इसके बाद उन्होंने कॉलेज की निरीक्षण किया. उन्होंने विभिन्न संकायों के प्रोफेसरों से बात की और समस्याओं से अवगत हुए. इस क्रम मे अतिथि अध्यापकों ने उनसे कहा कि सात माह से उन्हें मानदेय भुगतान नहीं हुई है. इस पर श्री पांडा ने कहा कि जल्द ही भुगतान हो जाएगा. श्री पांडा ने प्रचार्य और प्रोफेसरों से कहा कि लॉकडाउन में सभी ऑनलाइन कक्षाएं करें, ताकि विद्यार्थियों का कोर्स पूरा हो सके. उन्होंने कॉलेज के प्राचार्य और अध्यापकों को आश्वस्त किया कि बहरागोड़ा कॉलेज के विकास में उनका भरपूर सहयोग रहेगा. इस दौरान कॉलेज के विद्यार्थी और छात्र संगठन के प्रतिनिधियों ने डॉ गंगाधर पांडा से मिलकर अपनी समस्याओं को रखा. इससे पूर्व बहड़ागोड़ा महाविद्यालय पहुंचने पर कुलपति डॉ प्रोफेसर गंगाधर पांडा का कॉलेज परिवार द्वारा गुलदस्ता भेंट कर भव्य स्वागत किया.
कुलपति डॉ गंगाधर पांडा पहुंचे शहीद गणेश हांसदा के घर, दी श्रद्धांजलि
बहरागोड़ा कॉलेज के दौरे पर आये कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ गंगाधर पांडा चिंगड़ा पंचायत के कोसाफलिया गांव निवासी शहीद आर्मी जवान गणेश हांसदा के घर भी गये. डॉ पांडा के साथ जमशेदपुर के करनडीह स्थित एलबीएसएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ अमर सिंह, घाटशिला कॉलेज के प्राचार्य डॉ बीके गुप्ता, बहरागोड़ा कॉलेज के डॉ एसपी महालिक व सिंडिकेट सदस्य अमिताभ सेनापति भी थे. सबों ने कोसाफलिया गांव पहुंचकर शहीद गणेश हांसदा की तसवीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस दौरान कुलपति डॉ गंगाधर पांडा ने शहीद गणेश हांसदा के पिता सुबदा हांसदा और मां कापरा हांसदा को कोल्हान विश्वविद्यालय की ओर से सम्मान राशि के रूप में 50 हजार का चेक प्रदान किया. इस दौरान कुलपति डॉ गंगाधर पंडा ने कहा कि चीन भारत के बीच हुई हिंसक झड़प में बहरागोड़ा के लाल गणेश हांसदा के शहीद होने पर काफी दु:ख हैं. वही पूरे राज्य को गर्व है कि भारत मां की रक्षा में अपना बलिदान दिया है. उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए आर्मी जवान शहीद गणेश हांसदा एक मिसाल हैं. बहरागोड़ा का लाल आर्मी जवान शहीद गणेश हांसदा चीनी सेना के कायराना हरकत में शहीद हो गया. उन्होंने कहा कि शहीद गणेश हांसदा की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी. भारतीय सेना इसका मुंहतोड़ जबाब देगी. सिंडिकेट सदस्य अमिताभ सेनापति ने कहा कि शहीद का पैतृक आवास तीर्थस्थल के बराबर होता है. वहां जाना चार धाम की यात्रा के बराबर है. शहीद गणेश हांसदा के माता-पिता के प्रति हम कृतज्ञता प्रकट करते हैं, जिन्होंने ऐसे वीर सपूत को जन्म दिया, जिन्होंने देश के लिए अपनी कुर्बानी दी. हम सब भारतवासी सदा इनके ऋणी रहेंगे.