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CSIR-NML-Jamshedpur-सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला में मना 73वां स्थापना दिवस, एनएमएल ने उद्योग और शिक्षा जगत से साथ मिलाया हाथ, आईआईटी पटना के निदेशक प्रोफेसर टीएन सिंह ने जीरो कार्बन उत्सर्जन पर दिया जोर

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जमशेदपुर : सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला ने शनिवार को अपना 73वां स्थापना दिवस मनाया. मुख्य समारोह की शुरुआत मंच पर गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप-प्रज्ज्वलन समारोह के साथ हुई. इस शुभ अवसर पर एनएमएल गीत भी बजाया गया. राष्ट्रीय संविधान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, फलस्वरूप सभागार में उपस्थित सभी लोगों को संविधान की शपथ दिलाने के बाद कार्यक्रम की शुरुआत की गयी. सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ एके श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण दिया और सीएसआईआर-एनएमएल की स्थापना वर्ष 1950 से लेकर देश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास में इसके योगदान के बारे में बात की. उन्होंने सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला को सीएसआईआर द्वारा स्थापित प्रारम्भिक संस्थानों में से एक बताया. उन्होंने कहा कि 21 नवंबर 1946 को सी राजगोपालाचारी ने औपचारिक रूप से इसका उद्घाटन किया तथा पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा 26 नवंबर 1950 को इसे राष्ट्र को समर्पित किया गया था. सलाहकार प्रबंधन डॉ अरविंद सिन्हा ने मुख्य अतिथि का दर्शकों से परिचय कराया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आईआईटी पटना के निदेशक प्रोफेसर टीएन सिंह ने शिरकत की. उन्होंने लोक कल्याणकारी और पर्यावरण हितैषी तकनीकी के विकास पर वैज्ञानिकों का ध्यान आकृष्ट करते हुये कहा कि आज भारत के शोधार्थियों को ग्रीन ऊर्जा पर गहराई से काम करने की आवश्यकता है. (नीचे पढ़ें पूरी खबर)

आज छोटे-छोटे शहर में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या गहरी होती जा रही है. जीरो कार्बन उत्सर्जन, ई-वेस्ट मैनेजमेंट तथा प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण आज समय की मांग है, अतः हम सभी को मिलकर ग्रीन ऊर्जा, सोलर ऊर्जा आदि के विकास और प्रयोग द्वारा भारत को आत्म-निर्भर बनाने की दिशा में गहनता से कार्य करने की आवश्यकता है. यह गौरव की बात है कि सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला ई-वेस्ट मैनेजमेंट पर पूरी सक्रियता से कार्य कर रहा है और जीरो कार्बन उत्सर्जन की दिशा में भी ठोस पहल की जा रही है. यह प्रयोगशाला मेटल और मिनरल के क्षेत्र में एशिया का सबसे प्राचीन और गौरवशाली संस्थान रहा है और देश के विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उच्च स्ट्रेंथ और संक्षारण रहित स्टील के विकास द्वारा देश में गुणवत्तायुक्त बहुमंजली मजबूत इमारतों को खड़ा किया जाने लगा है. सीएसआईआर-एनएमएल का गौरवशाली अतीत हमेशा भारत के विकास को नयी ऊंचाई तक पहुंचाने की प्रेरणा देता रहा है.

वर्ष 2021 में तकनीकी और गैर-तकनीकी क्षेत्रों में उनके उत्कृष्ट योगदान के साथ-साथ मेधावी कर्मचारियों के बच्चों को उनकी विभिन्न उपलब्धियों के लिए मुख्य अतिथि द्वारा कई पुरस्कार प्रदान किए गए. वर्ष 2021 के दौरान पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ लाइसेंस प्राप्त या व्यावसायीकृत प्रौद्योगिकी के लिए वीए अल्टेकर पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ पेपर प्रकाशन के लिए बीआर निझावन पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ संगोष्ठी वक्ता के लिए प्रो एसपी मेहरोत्रा पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ इन-हाउस परियोजना के लिए प्रो शीलोभद्र बनर्जी पुरस्कार प्रदान किए गए. वर्ष 2021 के दौरान तकनीकी / गैर-तकनीकी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी के लिए प्रो पी रामचंद्र राव पुरस्कार तथा विभिन्न श्रेणियों में एनएमएल स्टाफ के बच्चों को कई मेधावी पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया. इस अवसर पर, सीएसआईआर-एनएमएल ने भविष्य के अनुसंधान एवं विकास क्षेत्रों में सहयोगी अनुसंधान करने और वर्तमान और भविष्य की औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास समस्याओं को हल करने के लिए उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए. (नीचे पढ़ें पूरी खबर)

अकादमिक सहयोग के लिए आईआईटी पटना और आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के साथ संयुक्त छात्र सलाह बढ़ाने और पारस्परिक हित की संयुक्त अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को शुरू करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. इस सहयोग का उद्देश्य संयुक्त सेमिनार/सम्मेलन/कार्यशालाओं का आयोजन करने के साथ-साथ छात्रों को उनके उच्च अध्ययन के लिए उपलब्ध अत्याधुनिक उपकरणों तक बेहतर पहुंच को प्रदान करना है. यह भारत सरकार के अंतर्गत कौशल युक्त भारत के उद्देश्यों को भी पूरा करेगा. उद्योग भागीदारों के अंतर्गत नई दिल्ली एनटीपीसी के मुख्य महाप्रबंध आर सारंगपानी, वेदांता प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य अनुसंधान एवं विकास अधिकारी डॉ. अमित चटर्जी, जेएमआईपीओएल (जमशेदपुर) के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी सर्बेंदु सान्याल और दिवा एनविटेक के सीईओ ललित वशिष्ठ, सीईओ और संस्थापक, मुंबई ने भी सीएसआईआर-एनएमएल के साथ पारस्परिक हित के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, ताकि नए समाधान खोजे जा सकें. (नीचे भी पढ़ें)

वेदांता प्राइवेट लिमिटेड और सीएसआईआर-एनएमएल ने प्रयोगशाला स्तर की प्रौद्योगिकियों को औद्योगिक स्तर तक विकसित करने और आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की है. सेल के साथ समझौता विकासशील प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित था, जो इस्पात संयंत्रों से कार्बन फूटप्रिंट और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करता है. ये सहयोग यह भी सुनिश्चित करेंगे कि स्थायी टेक्नोलॉजी पर भी अनुसंधान को दिशा दी जा सके. अकादमिक और औद्योगिक भागीदारों के साथ सीएसआईआर-एनएमएल का सफल सहयोग समय की मांग है, जो राष्ट्र के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा. समारोह के अंत में निदेशक-एनएमएल द्वारा मुख्य अतिथि तथा सभी सहयोगियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया. सीएसआईआर-एनएमएल के प्रशासनिक अधिकारी आदित्य मैनक ने धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ.

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