जमशेदपुर : सीएसआइआर- राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला की ओर से गुरुवार को एक वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर विजुअलाइजिंग विषयक वैज्ञानिक और विज्ञान शिक्षक सम्मेलन (SSTC) का आयोजन किया। इस ऑनलाइन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्कूली छात्रों को विज्ञान पढ़ाने के लिए अभिनव सामग्री तैयार करना था और साथ ही छात्रों को मजेदार और रचनात्मकता के साथ विज्ञान सीखने के लिए प्रोत्साहित करना था। पिछले सात दशकों में सीएसआईआर-एनएमएल की शानदार यात्रा पर एक वीडियो शो के साथ दोपहर 3.30 बजे आभासी कार्यक्रम शुरू हुआ। (नीचे भी पढ़ें)
स्वागत भाषण एनएमएल के निदेशक डॉ इंद्रनील चट्टोराज ने दिया। उन्होंने अपने संबोधन में इस तरह के कार्यक्रम की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए छात्रों में वैज्ञानिक अभिप्सा पैदा करने हेतु विज्ञान को अति रुचिकर विषय के रूप में प्रस्तुत करने की कला विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। वैज्ञानिक दृष्टिकोण राष्ट्र को विकास की अग्रिम पंक्ति में खड़ा करने की क्षमता रखते हैं। विभिन्न अभिनव प्रयोगों द्वारा वैज्ञानिक विषयों को सरल, सहज, प्रेरणादायक और और रुचिकर बनाया जा सकता है और इस महत्वपूर्ण कार्य में शिक्षकों और वैज्ञानिकों की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। (नीचे भी पढ़ें)
इसके बाद सीएसआईआर की वर्चुअल लैब पहल के माध्यम से विज़ुअलाइज़िंग साइंस पर एनएमएल के मुख्य वैज्ञानिक डॉ मीता तरफ़दार द्वारा एक तकनीकी प्रस्तुति दी गई। वर्चुअल लैब (VL) की अवधारणा माननीय प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में सीएसआईआर सोसायटी की सिफारिश के रूप में आई है। वीएल का उद्देश्य छात्रों में विज्ञान के लिए जिज्ञासा जगाना है और यह माना जाता है कि वर्चुअल लैब की अवधारणा विज्ञान को ग्रामीण स्तर तक ले जाने में मदद करेगी और अधिक छात्रों को विज्ञान की ओर आकर्षित करेगी। इस परियोजना के डिलिवरेबल्स गेम, वीडियो, ड्रामाटिक्स, क्विज़ और कॉमिक्स के माध्यम से विभिन्न उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करके रचनात्मक शिक्षण का सृजन है। पाठ्यक्रम में महिला वैज्ञानिकों के लिए-2-मिनट-टॉक ‘सत्र शामिल होगा जो (STEM) में कैरियर के अवसरों के बारे में बताएंगी। छात्रों को वैज्ञानिक अवधारणाओं के आधार पर नवीन उपकरणों और उपकरणों को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। (नीचे भी पढ़ें)
तीन समानांतर सत्र विज़ुअलाइज़िंग फिजिक्स, विज़ुअलाइज़िंग केमिस्ट्री और विज़ुअलाइज़िंग मैथ्स का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता क्रमश: डॉ एस शिव प्रसाद, मुख्य वैज्ञानिक, डॉ ए के मोहंती, प्रधान वैज्ञानिक और एनएमएल के मुख्य वैज्ञानिक डॉ मीता तरफदार ने की। इन सत्रों का उद्देश्य छात्रों के लिए सामग्री विकसित करने और एक रोड मैप बनाने के लिए एन एम एल के वैज्ञानिकों से अपेक्षित समर्थन और मार्गदर्शन के लिए स्कूल शिक्षकों के विचारों और सुझावों पर चर्चा करना था। इसके बाद डॉ शिवप्रसाद और एनएमएल के प्रधान वैज्ञानिक डॉ एके मोहंती ने दो तकनीकी प्रस्तुतियाँ दीं। डॉ शिवप्रसाद ने उल्लेख किया कि वैज्ञानिक विषयों की प्रस्तुति किस प्रकार सहजता पूर्वक दी जा सकती है। शोध और अनुसंधान के प्रति छात्रों में कैसे रुचि पैदा की जा सकती है ताकि उनमें वैज्ञानिक क्षमता का विकास हो सके। डॉ मोहंती ने छात्रों के बीच वैज्ञानिक अभिरुचि पैदा करने में शिक्षकों की अति महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला । भौतिकी और रसायन शास्त्र वैज्ञानिक अनुसंधान के महत्वपूर्ण आधार हैं। आधारभूत वैज्ञानिक विषयों की समझ को सफलतापूर्वक विकसित करने में विज्ञान के शिक्षकों की अति महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रश्न और उत्तर सत्र को प्रतिभागियों से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली। इस आभासी कार्यक्रम में 200 से अधिक शिक्षकों, छात्रों, वैज्ञानिकों और पेशेवरों ने भाग लिया। प्रयोगशाला के वरिष्ठ वैज्ञानिक सुदीप कुंडू ने धन्यवाद ज्ञापन किया और इस कार्यक्रम के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए सभी आयोजकों की सराहना की।