जमशेदपुर : वर्ष 2025 तक शून्य से छह साल तक के पर केंद्र और राज्य सरकारों को ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि बच्चों के दिमाग का 85 फीसदी हिस्सा छह साल तक की उम्र में ही विकास होता है. यह बातें नयी शिक्षा नीति मसौदा समिति के चेयरमैन और इसरो के पूर्व चेयरमैन डॉ के कस्तुरीरंगन ने कहीं. डॉ कस्तुरीरंगन जमशेदपुर के दौरे पर है. टाटा स्टील के मेजबानी में कदमा स्थित जुस्को स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान वे सीनियर सिटीजन, शिक्षकों और बच्चों से रुबरू हुए. इस दौरान उन्होंने यहां उपस्थित लोगों के सवालों का भी जवाब दिया.
कार्यक्रम के दौरान डॉ के कस्तुरीरंगन ने अपने स्लाइड के जरिये दिये गये पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के तहत शून्य से छह साल तक के बच्चों के विकास पर जोर दिया और बताया कि अरली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन सिस्टम (बचपन में ही बच्चों के देखभाल और शिक्षा की व्यवस्था) को बनाये जाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि यह सिस्टम 3 से छह साल के बीच के बच्चों में ही लागू किया जाना है, जिसको हर हाल में साल 2025 तक लागू कर दिया जाना चाहिए और एक नीति के तहत काम करना होगा. इसके अलावा नये शिक्षा स्तर में सुधार के लिए प्री-प्राइमरी से लेकर अलग-अलग श्रेणी में बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. डॉ के कस्तुरीरंगन ने बताया कि उनकी अनुशंसा है कि शिक्षक के लिए जरूरी बीएड की पढ़ाई की व्यवस्था को और सुदृढ़ करते हुए चार साल का कोर्स कराया जाना चाहिए ताकि शिक्षकों को क्वालिटी एजुकेशन देकर तैयार किया जाये, सिर्फ डिग्री तक यह सीमित नहीं रहे.
टीचर्स एबिलिटी टेस्ट के तहत इंटरव्यू और डेमो को भी शामिल काय जाना चाहिए और शिक्षकों की बहाली हर जिला के स्तर पर होना चाहिए, जिसका स्कूलों में जिला के स्तर पर आवंटन होना चाहिए. इसके अलावा राज्यों में एनसीइआरटी की तर्ज पर एससीइआरटी बनाये जाने की जरूरत है. स्कूलों को नियंत्रित करने के लिए राज्यों में एक प्राधिकार स्थापित करने की जरूरत है, जो स्कूलों को नियंत्रित कर सकेगा. इस मौके पर टाटा स्टील और जुस्को के अधिकारी शामिल होंगे. डॉ के कस्तुरीरंगन दोपहर बाद डॉ जेजे इरानी एक्सीलेंस अवार्ड समारोह में हिस्सा लेंगे और बच्चों को वहां भी संबोधित करेंगे.