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jamshedpur-all-nobeliens-allumni-meet-जमशेदपुर में जुटे डिनोबिली के पूर्ववर्ती छात्र, अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों को याद कर हुए भावुक

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जमशेदपुर : डिनोबिली के पूर्वती छात्रों का मिलन जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित यूनाइटेड क्लब में हुआ. इसके साथ ही ऑल नोबिलियन्स एलुमनी एसोसिएशन-द ग्लोबल का एक चैप्टर जमशेदपुर में शुरू हो गया. इसकी शुरुआत बेंगलुरु में वर्ष 2018 में शुरू हुआ और उसी वर्ष कोलकाता, पुणे, मुंबई व धनबाद में भी प्रारंभ हुआ. दिल्ली, रांची, पटना और अब जमशेदपुर में इसके अनेक सदस्य हो गए. पूर्वती छात्रों के साथ देश के लगभग सभी हिस्सों में यह व्यापक रूप से फैला हुआ है. इसके अध्याय अब विदेश में सिलिकॉन वैली (यूएसए), यूनाइटेड किंगडम में आरंभ हुआ है और जल्द ही ऑस्ट्रेलिया में भी इसकी स्थापना की जाएगी. इसके अलावा सभी स्थानों में इस माध्यम से पूर्वर्ती छात्रों को एक दूसरे से मिलने-जुलने का मौका मिलता है. पूर्व छात्र संघ डिनोबिली की विभिन्न शाखा से नोबिलियन्स का समूह का एक प्रयास है धनबाद शहर में 1956 में इसकी सबसे पहली विद्यालय बनी, जो आज के दिन में 9 ब्रांच हो गई है. इसमें सदस्य 1964 के पहले बैच से 2019 के छात्र शामिल है. यह विद्यालय धनबाद के आसपास की स्थानों में बनी हुई है, जैसे कि डिगवाडीह, सीएमआरआइ, मुगमा, सिजुआ, सीटीपीएस, सिंदरी, मैथन शामिल है. जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित यूनाइटेड क्लब में लगभग 18 से 20 नोबेलियंस इसमें शामिल हुए, जो जमशेदपुर में रहते है. ज्यादातर छात्र टाटा स्टील व टाटा मोटर्स के उच्च स्तर के कर्मचारी है.

इनमे से कुछ एक्सएलआरआइ और माउंट कारमेल की शिक्षिका भी है. कुछ बैंक में और कुछ की अपना व्यवसाय कर रहे है. ऑल नोबिलियंस एल्युमनी एसोसिएशन का ये पहला पुनर्मिलन था, जिसमें पूर्वर्ती प्रधानाध्यापक फादर हिलेरी लोबो एसजे व डिनोबिली स्कूल के पूर्वर्ती निदेशक फादर एसजे कुरूविला भी शामिल हुए. इनके अलावा खेलकूद प्रशिक्षक आलोक सेन ने भी अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया. एल्युमनी के छात्र जो, 1981, 1984, 1987, 1990, 1992, 1994, 1997, 1998 और 2004 के पढ़े थे उनका पुर्नमिलन हुआ. इसमें वेद प्रकाश, रितु राज सिन्हा, डाक्टर राजन वर्मा, प्रभात कुमार, बी राजन टोपनो, संतोष कुमार, पीयूष परासर, अंशुमान उपाध्याय, वेद प्रकाश ठाकुर, रुंपी साहा, अंजलि शर्मा इत्यादि शामिल थे. यह कार्यक्रम देवी पन्थला और मयंक सिंह, जो इस समूह के समन्वयक है और देश व विदेश में इस तरह से आयोजित करते आ रहे है और सफल बनाए है. मयंक सिंह ने ऑल नोबिलियंस एल्युमनी एसोसियेशन जो की पूर्व छात्रों को एक साथ जोड़ने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है और यू कॉन्सेप्ट को एक दूसरे की मदद करने और एक दूसरे की सेवा करने के लिए एक मंच जिसे मजबूत और एकजुट होने का बंधन बनाए हुए है. श्री सिंह ने सोशल साइट, फेसबुक के माध्यम से 15000 से अधिक नोबेलियन को जोड़ रखे हैं और विभिन्न क्षेत्रों के व्हाट्सएप ग्रुप भी बना रखा है, जिसमें लगभग 800-1000 सदस्य सक्रिय हैं. इस माध्यम से पूर्वर्ती प्रधानाध्यापक, शिक्षक व अभी के पड़ा रहे अध्यापक के बीच दूरी कम करने का एक माध्यम बन गया है. सभी नोबेलियंस के लिए ये एक मंच है जिसे सेवा, सहयोग और भाई चारा बनाए रखा जाता है. नोबेलियनस देश व विदेश में अनेक स्थान में महत्वपूर्ण और उच्च स्तर पर आसीन है और यही कारण आज के दिन सभी एक दूसरे को मदद करने के लिए आतुर है.

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