Jamshedpur co-operative law college – जमशेदपुर को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज का छात्र शिक्षा विभाग के सचिव से मिला, मूलभूत सुविधाओं को लेकर की बातचीत

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जमशेदपुर : जमशेदपुर को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज के सत्र 19-22 के विद्यार्थी अमर कुमार तिवारी ने नेपाल हाउस रांची स्थित उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव राहुल पुरवार से मुलाकात की और उन्हें बताया कि कोल्हान विश्वविद्यालय के अधीन संचालित अलग जगह पर जमशेदपुर को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज स्थित है, उसे बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियम के तहत उसे अलग जगह पर और स्वतंत्र रूप से संचालित करने के निर्देश मिला था, जिसके स्वरूप वर्ष 2002 में झारखंड सरकार के सचिव द्वारा इसे 5 एकड़ जमीन अलग करने के नियम के अनुसार स्वतंत्र करने की बात की गयी, उसके बाद इस 5 एकड़ जमीन को -ऑपरेटिव कॉलेज जमशेदपुर के द्वारा अलग यूनिट में चलाने के लिए दिया गया. जब यह को-ऑपरेटिव कॉलेज से अलग होकर को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज बना, तब उसके बाद इसे स्वतंत्र इकाई घोषित सरकार के द्वारा अभी तक नहीं किया गया. (नीचे भी पढ़ें)

इसका संचालन उसके विद्यार्थियों की फीस के द्वारा आर्थिक स्रोत से किया जा रहा है. को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज सिर्फ नाम का ही रह गया है. उसके शिक्षकों का वेतन जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज के द्वारा दिया जाता है. स्वतंत्र इकाई घोषित करने के संबंध में उन्होने बताया कि वे 15 सितंबर को आवेदन दिये थे, जिसके फलस्वरूप 14 अक्टूबर को एनएलयू रांची के कुलपति और कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा निरीक्षण किया गया था, परंतु जांच के बाद एनएलयू के कुलपति को सारी स्थिति स्पष्ट हो गयी थी, स्वतंत्र इकाई नहीं होने के कारण कॉलेज की दुर्दशा दिन पर दिन खराब हो रही है और मूलभूत सुविधाओं से विद्यार्थी वंचित हो रहे हैं. अभी तक वहां करीब 20 सालों से ना तो किसी स्थाई शिक्षकों की बहाली हो रही है और ना ही कोई कर्मचारियों की. (नीचे भी पढ़ें)

कई विषयों के किताब वहां उपलब्ध नहीं है और सारे किताब छत से पानी टपकने के कारण लगभग खराब हो गए और ऐसी समेत कई मुलभूत सुविधाएं वहां पर नही है. विश्वविद्यालय भी स्वतंत्र इकाई नहीं होने के कारण इस पर कोई खर्च नहीं करती है. लॉ कॉलेज के विद्यार्थी ने पुनः अनुरोध किया है कि वे जमशेदपुर कॉ-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज को स्वतंत्र इकाई घोषित करने के संबंध में कैबिनेट के पास प्रस्ताव भेजे ताकि सभी विद्यार्थियों का भला हो सके.

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