जमशेदपुर : बिष्टुपुर स्थित जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज में सोमवार को कॉलेज के ऑडियो विजुअल हॉल में अंतरराष्ट्रीय भाषा दिवस मनाया गया. दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई. स्वागत भाषण एवं विषय प्रवेश मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ सुधीर कमार साहू ने किया. उन्होने कहा कि मातृभाषा के संरक्षण के लिए यूनेस्को ने 17 नवम्बर 1999 को घोषणा की. इसके बाद हर साल 21 फरवरी को विश्व मातृभाषा दिवस मनाया जाने लगा. 21 फरवरी 1952 को उर्दू के साथ-साथ बगला को भी पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा बनाने के लिए आन्दोलन हुए. आन्दोलन में ढाका विश्वविद्यालय के पांच छात्र मारे गए थे. उनकी स्मृति में बंगलादेश में 1955 से मातृभाषा दिवस मनाया जाने लगा. इसका उद्देश्य विभिन्न मातृभाषा को बढ़ावा देना है. कार्यक्रम में कॉलेज की प्राचार्या एवं कोल्हान विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डॉ शुक्ला महान्ती ने कहा कि मातृभाषा को रोजगार से जोड़ा जाना चाहिए. भाषा केवल संस्कृति की वाहक ही नहीं है बल्कि जनजीवन की गति को भी बढ़ावा देती है. मातृभाषा के साथ-साथ राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय भाषा का ज्ञान भी आवश्यक है. (नीचे भी पढ़ें)
कार्यक्रम में डॉ पुष्पा कुमारी के द्वारा भोजपुरी कविता चिट्ठी का पाठ किया गया. एमए छात्रा शिल्पी ने विद्यापति के गीत का गान किया वहीं जूही कुमारी ने स्वरचित मैथिली रचना ‘विधवा का जीवन का पाठ किया. बंगला भाषा में मौमिता ने गाँधी कविता का पाठ किया. उर्दू भाषा में इसरत परवीन ने औरत की शान पर नज्म प्रस्तुत किया. मीता कुमारी ने संस्कृत भाषा में संस्कृत का महत्व बताया. लक्ष्मी ने गीता का श्लोक पाठ किया. मजु बोदरा द्वारा ‘हो कविता का पाठ किया गया. नर्मदा महापात्रा द्वारा उड़िया कविता पाठ किया गया. ऋषिता राय ने इंग्लिश एज आ ग्लोबल लैंग्वेज पर अपने विचार प्रस्तुत किए. मल्लिका और प्रियका ने भाषा के संबध में विचार प्रस्तुत किए. संगीत विभागाध्यक्ष डॉ सनातन दीप द्वारा उड़िया भाषा में मधुर गीत की प्रस्तुति की गई. धन्यवाद ज्ञापन डॉ रिजवाना परवीन द्वारा किया गया. मंच का संचालन हिन्दी विभाग की अतिथि आयशा के द्वारा किया गया. कार्यक्रम में डॉ पुष्पा कुमारी, डॉ भारती कुमारी, डॉ शहला जयीन, डॉ अर्पणा, डॉ संजय भुईया, सोनी कुमारी, अल्फा रानी, लक्ष्मी कुमारी एवं डॉ नूपुर अन्विता मिज के अलावा अन्य छात्राएं मौजूद थे.