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Jamshedpur-Women’s-University : जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में एक साथ 11 रोजगारपरक सर्टिफिकेट कोर्स शुरू, रोजगार सुनिश्चित कराने के लिए इंडस्ट्री ट्रेनिंग की भी व्यवस्था, बुधवार से यूनिवर्सिटी की छात्राएं कर सकेंगी ऑनलाइन आवेदन

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जमशेदपुर : जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो (डॉ) अंजिला गुप्ता ने पदभार संभालते ही नए रोजगारोन्मुखी वोकेशनल कोर्सेज चलाने का विजन सामने रखा था। इसे धरातल पर लाने की शुरुआत विद्वत परिषद की पहली ही बैठक में की और सिंडिकेट की पहली बैठक में इसे सर्वसम्मति से अनुमोदित कराया। 24 सितम्बर 2022 को सिंडिकेट की बैठक संपन्न हुई और दो माह से भी कम समय में 11 ऐसे रोजगारोन्मुखी कोर्सेज शुरू करने की पूरी तैयारी यूनिवर्सिटी ने कर ली है। कुलपति के निर्देश पर सभी कोर्सेज की बोर्ड ऑफ स्टडीज सम्पन्न हुई और हर एक कोर्स की विस्तृत रूपरेखा, विषय क्षेत्र, उद्देश्य और पाठ्यक्रम तैयार कर लिये गए हैं। उन्होंने कहा कि ये कोर्सेज छात्राओं में कौशल विकास के प्रमुख साधन होंगे। यूनिवर्सिटी में यूजी व पीजी के रेगुलर कोर्स में नामांकन की प्रक्रिया लगभग समाप्त होने के साथ ही इन कोर्सेज को ओपन कर दिया गया है। यूनिवर्सिटी की यूजी व पीजी की छात्राएं 23 नवंबर से ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। कुलपति ने बताया कि इन कोर्सेज में नामांकित छात्राओं को जरूरत के अनुसार इंडस्ट्रीज में हैंड्स ऑन ट्रेनिंग की व्यवस्था भी होगी। नगर की प्रतिष्ठित इंडस्ट्रीज के साथ हम संपर्क में हैं। कैंपस प्लेसमेंट के लिए प्लेसमेंट सेल को और संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। रीमेडियल क्लासेज चलाकर स्पोकेन इंग्लिश और व्यक्तित्व विकास पर फोकस किया जाएगा। ये सभी कोर्सेज एक वर्ष की अवधि के हैं जो छात्राओं के हुनर को विकसित करेंगे ताकि वे प्रतिस्पर्धी दौर में सम्मानजनक नौकरी प्राप्त कर सकें। (नीचे भी पढ़ें)

“रोजगारोन्मुखी सर्टिफिकेट कोर्सेज छात्राओं में कौशल विकास के प्रमुख साधन होंगे। आज के समय में रोजगार प्राप्त करना जब बड़ी चुनौती लगती है, वैसे में इन कोर्सेज के बाद छात्राएं बड़ी संख्या में इंटरप्रेन्योर बनकर रोजगार भी प्रदान कर सकती हैं। विभिन्न पाठ्यक्रमों के माध्यम से युवा लड़कियां लाभान्वित होंगी, जो विकास की दौड़ में कहीं पीछे छूट गयी हैं। महिला उद्यमी समय की जरूरत हैं। बेरोजगारी दूर करने के अलावा महिला सशक्तिकरण के दोहरे लाभ देने वाले ये कोर्सेज स्किल इंडिया मिशन को पूरा करने की दिशा में यूनिवर्सिटी का एक प्रयास है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में परंपरागत पाठ्यक्रमों को रोजगार की संभावनाओं से जोड़ने की संकल्पना भी इससे फलीभूत होगी।” – प्रो (डॉ) अंजिला गुप्ता, कुलपति (नीचे भी पढ़ें)

इन सर्टिफिकेट कोर्सेज में होगा नामांकन
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स (एआईआर)
भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व रोबोटिक्स कृषि, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, बुनियादी ढांचा, परिवहन, साइबर सुरक्षा, बैंकिंग, विनिर्माण, व्यवसाय, हॉस्पिटैलिटी जैसे लगभग सभी प्रमुख क्षेत्रों में आधुनिक समस्याओं के स्मार्ट समाधान के रूप में उपयोग में लाया जा रहा है। यह वर्चुअल और मशीनी तकनीकि का उत्कृष्ट उदाहरण है। इसने हमारे लगभग सभी दैनिक कार्यों को प्रभावित किया है। इस कोर्स का उद्देश्य छात्राओं को विभिन्न व्यवसायों में एआईआर के प्रभाव को समझने और लाभ उठाने के लिए विस्तृत ज्ञान प्रदान करना है। (नीचे भी पढ़ें)

प्लांट टिशू कल्चर टेक्नोलॉजी
इसमें छात्राओं को कृषि में इस्तेमाल होने वाले प्लांट टिशू कल्चर टेक्नोलॉजी के मौजूदा पहलुओं से परिचित कराया जाएगा। पाठ्यक्रम का उद्देश्य उद्यमिता में एक सफल कैरियर के लिए कौशल विकास हेतु बुनियादी और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना, टिशू कल्चर उद्योगों के लिए तकनीकी रूप से प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करना एवं स्कूलों और जूनियर कॉलेजों में प्रशिक्षक उपलब्ध कराना है। (नीचे भी पढ़ें)

फूड माइक्रोबायोलॉजी
यह सर्टिफिकेट कोर्स खाद्य जनित रोगों और खाद्य सामग्री को दूषित करनेवाले जीवों के अध्ययन पर जोर देने के साथ छात्राओं को इसके वर्तमान पहलुओं से परिचित कराएगा। इसके माध्यम से छात्राएं खाद्य सुरक्षा व स्वच्छता सुनिश्चित करने के साथ खाद्य जनित बीमारियों की जांच प्रक्रियाओं का ज्ञान प्राप्त कर पायेंगी। हास्पिटल, होटल, डाइटीशियन व मेडिकल क्षेत्र में छात्राओं के लिए रोजगार के मौके बढ़ेंगे। (नीचे भी पढ़ें)

फोरेंसिक साइंस
फॉरेंसिक साइंस सर्टिफिकेट कोर्स आपराधिक जांच के वैज्ञानिक घटकों और इसके लीगल पहलुओं एवं अंतर्निहित प्रक्रियाओं पर केंद्रित है। फॉरेंसिक साइंस पाठ्यक्रम चुनौतीपूर्ण और दिलचस्प है, खासकर उन लोगों के लिए जो जिज्ञासु और साहसिक हैं। बहुत कम संस्थानों में इस तरह के कोर्स उपलब्ध हैं इसलिए इस क्षेत्र में विशेषज्ञों की कमी है। यह पाठ्यक्रम छात्राओं को प्रशिक्षित करने के अलावा अपराध स्थल की जांच, फोरेंसिक अकाउंटिंग, साइबर कानूनों, फोरेंसिक दवाओं आदि तकनीकों से अवगत करायेगा। यह भारत में छठा सबसे तेजी से बढ़ता क्षेत्र है। इसका विस्तार अंतरराष्ट्रीय है। इस पाठ्यक्रम से सरकारी प्रयोगशालाओं, निजी जांच कार्यालयों और यहां तक कि अपराध विभागों में भी छात्राएं अपना करियर शुरू कर सकती हैं। यह कोर्स इस पुरुष प्रधान क्षेत्र में लैंगिक अंतराल को कम करने में अहम होगा। (नीचे भी पढ़ें)

सेरीकल्चर
सेरीकल्चर कोर्स रेशम के कीड़ों को पालने और कच्चे रेशम के उत्पादन से संबंधित है। रेशम उत्पादन लाभकारी रोजगार, आर्थिक विकास और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार प्रदान करता है और इसलिए यह गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है साथ ही रोजगार की तलाश में ग्रामीण लोगों के शहरी क्षेत्र में पलायन को रोकता है। सेरीकल्चर के अध्ययन से अनुसंधान केंद्र, रेशम बोर्ड में प्रशिक्षु के रूप में, रेशम उत्पादन इकाइयों और कृषि क्षेत्र में सरकारी नौकरियों के लिए व्यापक अवसर प्रदान करेगा। (नीचे भी पढ़ें)

इवेंट मैनेजमेंट
इवेंट मैनेजर असाधारण रूप से प्रतिभाशाली व्यक्ति होते हैं जो संगठनों के लिए बड़े कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। उदाहरण के लिए, उत्पाद लॉन्च, सेमिनार और कॉर्पोरेट बैठकें और अन्य कार्यक्रम जैसे शादी, जन्मदिन समारोह आदि। इवेंट मैनेजमेंट में सर्टिफिकेट कोर्स छात्राओं को यह पता लगाने के लिए प्रशिक्षित करेगा कि किसी भी आयोजन के लिए अपने विचारों को अच्छे निष्पादन की ओर कैसे ले जाया जाए। माननीय कुलपति ने कहा कि यह शहर भव्य इवेंट्स का शहर है। हमारे यहां कि छात्राएं इस कोर्स को करके स्थानीय स्तर पर ही अच्छी जॉब हासिल कर सकेंगी। (नीचे भी पढ़ें)

मशरूम खेती प्रौद्योगिकी
यह एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स है जो छात्राओं को सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक ज्ञान, मशरूम कल्चर के विकास के लिए सुझाव, बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए मार्गदर्शन और मशरूम से सम्बंधित एक प्रतिष्ठित संस्थान को चलाने की कुशलता प्रदान करेगा। झारखंड में मशरूम के उत्पादन से लाभ की अपार संभावनाएं हैं क्योंकि अब तक इस क्षेत्र में अधिकांशतः पुरातन विधियों से ही उत्पादन होता रहा है। (नीचे भी पढ़ें)

कथक
कथक नृत्य में एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स जॉब ओरिएंटेड कोर्स है। कथक एक भारतीय शास्त्रीय नृत्य है जो स्वास्थ्य की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। नृत्य में बहुत सारे फुटवर्क, मांसपेशियों और हाथ-पैर के संचालन शामिल होते हैं। कई अध्ययनों के अनुसार, इस नृत्य से आंखों की मांसपेशियों को भी उचित व्यायाम मिलता है। यह नृत्य शरीर को तरोताजा भी करता है और अन्य व्यायाम जैसे ज़ुम्बा, एरोबिक्स आदि का एक अच्छा विकल्प है। इस कोर्स के बाद प्रशिक्षु के रूप में शहर में ही विकल्प खुल जायेंगे और कला के क्षेत्र में देश विदेश में भी छात्राएं अपना नाम रौशन कर सकती हैं। भारतीय कला और संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन भी इस कवायद में अंतर्निहित है। (नीचे भी पढ़ें)

गिटार
गिटार अपने आप को अभिव्यक्त करने में मदद करता है और अपनी भावनाओं को दूसरों तक संप्रेषित करने या यहां तक कि अपने आप को संयोजित करने के लिए एक रचनात्मक चैनल के रूप में कार्य करता है। एक कुशल गिटारवादक के रूप में छात्राओं को तीन मुख्य तरह के रोजगार मिल सकते हैं- सत्रीय गिटारवादक, कलाकार और गिटार शिक्षक। भारतीय और पाश्चात्य कला का साझा विकास इससे होगा। (नीचे भी पढ़ें)

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)
वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) में सर्टिफिकेट कोर्स कई संभावनाओं के साथ शुरू होने जा रहा है। यह छात्राओं को जीएसटी पर कार्यसाधक ज्ञान देने में मदद करेगा। पाठ्यक्रम का उद्देश्य कराधान क्षेत्र में कैरियर के अवसरों की तलाश के लिए छात्राओं को लाभान्वित करना है। उद्योग और वाणिज्य के इस कोल्हान क्षेत्र में छात्राओं को इससे बेहतर रोजगार मिल सकेगा। (नीचे भी पढ़ें)

डिजिटल मार्केटिंग
डिजिटल मार्केटिंग में सर्टिफिकेट कोर्स कैरियर की उड़ान में मजबूत पंख लगाने की तरह है। यह कोर्स छात्राओं को मार्केटिंग डोमेन में करियर के अवसरों की तलाश करने में मदद कर सकता है। आज डिजिटल मार्केटिंग बहुत बड़ा क्षेत्र है और यह विभिन्न प्लेटफार्मों पर लगातार विकसित हो रहा है। (नीचे भी पढ़ें)

ये सभी सर्टिफिकेट कोर्सेज उन छात्राओं के लिए खुले हैं जो कला, विज्ञान और वाणिज्य में वीमेंस यूनिवर्सिटी में स्नातक या स्नातकोत्तर विषयों के साथ एक अतिरिक्त पाठ्यक्रम के रूप में नियमित अध्ययन करना चाह रही हैं। इन कोर्सेज के शुरू होने पर माननीय कुलपति ने वोकेशनल कोर्स कोऑर्डिनेटर सहित सभी सम्बद्ध डीन, संकाय सदस्यों और विशेषज्ञों को भी बधाई दी।

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