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jharkhand-education-झारखंड में हेमंत सरकार बनने के पहले शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, अप्रशिक्षित शिक्षकों और पारा शिक्षक की सेवा लेने या वेतन देने पर लगायी रोक

राशिफल

रांची/जमशेदपुर : झारखंड में झामुमो, कांग्रेस और राजद की हेमंत सोरेन की सरकार बनने वाली है. लेकिन इस सरकार के बनने के पहले ही स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने एक बड़ा फैसला ले लिया है. 23 दिसंबर 2019 यानी मतगणना के दिन को सरकार के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने 24 दिसंबर 2019 को एक आदेश जारी किया. इस आदेश में कहा गया है कि भारत सरकार के निर्देश के मुताबिक, 31 मार्च 2015 तक नियुक्त अथवा कार्यरत रैसे शिक्षक, जो नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत निर्दिष्ट न्यूतम अहर्ता या योग्यता नहीं है, उनको 31 मार्च 2019 तक न्यूनतम अहर्ता या योग्यता प्राप्त करना अनिवार्य है. इसके लिए ऐसे शिक्षकों को एनआइओएस के माध्यम से ट्रेनिंग लेने को कहा गया था, जिसके तहत 13518 पारा शिक्षक या सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने लाभ लिया था जबकि निजी स्कूलों के 56657 शिक्षकों ने यह ट्रेनिंग ली, लेकिन कई लोग अब भी ऐसे है, जो अहर्ता को पूरा नहीं करते है. ऐसे शिक्षकों के लिए आदेश दिया गया है कि विभिन्न स्कूलों में कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षकों से कोई कार्य नहीं लिया जाये और तत्काल प्रभाव से उन्हें कार्यमुक्त कर दिया जाये. सभी निकासी और व्यय अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसे शिक्षकों को वेतन समेत अन्य सुविधा का भुगतान नहीं किया जाये और उनसे कार्य लिये जाने की स्थिति में शिक्षकों को वेतन समेत अन्य सभी दावों की वसूली कार्य लेने वाले पदाधिकारी से की जायेगी. सभी कोषागार पदाधिकारी को यह सुनिश्चित करने के लिए क हा गया है कि शिक्षकों के वेतनादि का भुगतान शिक्षकों के प्रशिक्षण संबंधी ब्योरा प्राप्त होने के उपरांत ही किया जाये और अप्रशिक्षित शिक्षकों के वेतनादि का भुगतान नहीं किया जाये. यह भी आदेश दिया गया है कि पारा शिक्षकों के मामले में यह जिम्मेदारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सह जिला शिक्षा पदाधिकारी की होगी कि अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों से कार्य नहीं लिया जाये और उन्हें मानदेय का भुगतान नहीं किया जाये. सभी स्कूलों के प्रभारी प्राचार्य इस आदेश का तामिला करेंगे और ऐसे स्कूल जहां मात्र पारा शिक्षक और अप्रशिक्षित शिक्षक प्रभार में हैं, वैसे स्कूलों के लिए बीइइइओ और बीपीओ और डीडीओ स्वत: व्यक्तिगत रुप से सत्यापन करने के बाद उसका अनुपालन सुनिश्चित कराये. यह सारे आदेश का तामिला के लिए पूर्व शिक्षा मंत्री का अनुमोदन प्राप्त है.

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