बोकारो : झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो पिछले कई माह से यह चिल्लाते नजर आये कि निजी स्कूलों में सिर्फ बच्चों के अभिभावकों को ट्यूशन फीस ही देना पड़ेगा और जो फीस नहीं दे सकेगा, उसका नाम नहीं कटेगा, लेकिन इस दावे की पोल शनिवार को तब खुल गयी जब बोकारो के दिल्ली पब्लिक स्कूल ने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की नातिन का ही स्कूल से नाम सिर्फ इसलिए काट दिया क्योंकि उसने स्कूल फीस जमा नहीं किया था और फीस का बकाया था. शिक्षा मंत्री को उनकी बेटी ने इसकी जानकारी दी, जिसके बाद आपे से बाहर शिक्षा मंत्री खुद स्कूल पहुच गये और नातिन के बकाये फीस का भुगतान किया तो हड़कंप मच गया. शिक्षा मंत्री ने बताया कि उनकी नातिन बोकारो के चास स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ाई करती थी.
उसकी नातिन का स्कूल फीस का बकाया था, जिस कारण उसका ऑनलाइन क्लास से ही नाम काट दिया था. हालांकि, उन्होंने कहा कि यह आदेश है कि स्कूली बच्चों का नाम नहीं काटा जाना है, सिर्फ चेतावनी भेजा जाना है और अभिभावकों को सिर्फ ट्यूशन फीस ही जमा करना है. लेकिन उनके ही नातिन का नाम स्कूल से काट दिया गया, जिससे यह साफ हो गया कि स्कूलों द्वारा इस तरह की मनमानी की जा रही है. इस दौरान स्कूल का फीस तो जगरनाथ महतो ने भर दिया, लेकिन स्कूल प्रबंधन की जमकर क्लास लगायी. उन्होंने कहा कि किसी बच्चे का नाम सिर्फ फीस के कारण तत्काल नहीं काटा जा सकता है क्योंकि बच्चों के अभिभावक लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगी से गुजर रहे है. सूचना मिलते ही जिला शिक्षा पदाधिकारी भी स्कूल पहुंच गये.
आपको बता दें कि स्कूल सात माह से बंद है. अभिभावक और स्कूल प्रबंधन के बीच फीस को लेकर खटपट चल रहा है. अभिभावकों का कहना है कि स्कूल बंद है और ऐसे में उनकी आमदनी भी नहीं है, जिस कारण स्कूल फीस नहीं दे सकते है. वहीं ऑनलाइन क्लास के नाम पर फीस की मांग की जा रही है. हालांकि, पिछले दिनों निजी स्कूलों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक के दौरान यह साफ कर दिया गया था कि स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस लेना है और नाम नहीं काटना है, लेकिन इसके बावजूद स्कूलों से बच्चों के नाम काटे जा रहे है. शिक्षा मंत्री के नातिन के साथ ऐसा ही हुआ तो सबकुछ खुलकर सामने आ गयी. अब शिक्षा मंत्री कह रहे है कि यह गंभीर विषय है और मामले की जांच होगी और कार्रवाई भी होगी.