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Jharkhand-Medical-College-Admission : हजारीबाग, दुमका व पलामू मेडिकल कॉलेजों में नये एडमिशन पर एनएमसी की रोक से झारखंड के विद्यार्थियों में मायूसी, नये एडमिशन शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री ने एनएमसी को लिखा पत्र, कहा-तीनों कॉलेजों में जल्द ही सीनियर फैकल्टी की बहाली व सारी सुविधाओं से किया जायेगा लैस, नये एडमिशन की दें अनुमति

राशिफल

रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने नेशनल मेडिकल काउंसिल से हजारीबाग, पलामू और दुमका मेडिकल कॉलेजों में छात्रों के नए प्रवेश को रोकने के फैसले पर पुनः विचार करने का अनुरोध पत्र के माध्यम से किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत माह भी पुनर्विचार से संबंधित आग्रह पत्र काउंसिल को प्रेषित किया गया था. साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से भी झारखण्ड के छात्रों के भविष्य के लिए ससमय विचार करने का अनुरोध कर चुका हूं. पत्र में मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा है कि पिछले वर्ष इन तीनों कैंपस का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था. उसके बाद मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की अनुमति से सत्र 2019-20 के लिए 100 सीटों पर विद्यार्थियों का एडमिशन लिया गया. मौजूदा सत्र 2020-21 के लिए नीट परीक्षा के परिणामों की घोषणा हो चुकी है. लेकिन नेशनल मेडिकल काउंसिल ने आधारभूत संरचना, फैकल्टी की कमी आदि कारणों को बताते हुए इस वर्ष नये एडमिशन लेन पर रोक लगा दी है. इससे इस गरीब व पिछड़े राज्य में रहने वाले अभ्यर्थियों को गहरा आघात पहुंचा है. क्योंकि पिछले वर्ष प्रधानमंत्री के हाथों इन तीनों कॉलेजों का उद्घाटन होने के बाद से विद्यार्थियों में काफी उम्मीद व उत्साह का माहौल था.

पत्र में मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा है कि इन तीनों कॉलेजों में एनएमसी की शर्तों को पूरा करने को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से तत्पर है. कॉलेजों में आधारभूत संरचना समेत कुछ उपकरणों के प्रतिष्ठापन व वरीय फैकल्टी की बहाली नहीं होने की वजह कोविड-19 का प्रसार व लॉकडाउन रहा है. लेकिन अब इसे यथासंभव जल्द से जल्द पूरा कर लिया जायेगा. बताया गया है कि आधारभूत संरचना से संबंधित कार्यों को 15 दिसंबर तक पूरा कर लेने का प्रयास किया जायेगा. जबकि सीनियर, जूनियर रेसिडेंट एवं अन्य पारा मेडिकल स्टाफ की बहाली की प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जायेगी. साथ ही परिस्थिति को देखते हुए एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर पद पर बहाली के लिए नियुक्ति पॉलिसी में संशोधन भी किया जायेगा. इन सबके मद्देनजर मुख्यमंत्री ने इस गरीब, पिछड़े व ट्राइबल राज्य में रहने वाले अभ्यर्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए नये एडमिशन पर रोक लगाये जाने संबंधि आदेश पर पुनर्विचार करते हुए नये एडमिशन की अनुमति देने का आग्रह किया है.

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की सेंट्रली स्पांसर्ड स्कीम (एमओएचएफडब्ल्यू) के तहत झारखंड जैसे पिछड़े राज्य में विद्यार्थियों के उत्थान के लिए हजारीबाग, पलामू व दुमका में जिला अस्पताल को उत्क्रमित करते हुए मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति प्रदान की गयी थी. इस प्रोजेक्ट के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से 340 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी मिली थी. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से भी अविलंब 392.88 करोड़ रुपये का आवंटन कर दिया गया था, जिसके बाद से भवन समेत आधारभूत संरचना बन कर तैयार हो गयी.

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