jharkhand-proud-जमशेदपुर के इस युवक ने झारखंड का नाम रोशन किया, दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के इस सॉफ्टेयर में खोजा खामियां, माइक्रोसॉफ्ट ने दिये 15 लाख रुपये का बड़ा अवार्ड, बचपन के शौक ने बना दिया देश का नामचीन ”ऑफिसियर हैकर”, जानें कौन है यह शख्स

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शारीक रजा.

जमशेदपुर : जमशेदपुर के गोलमुरी टुइलाडुंगरी के रहने वाले युवक 26 वर्षीय शारीक रजा को दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने 15 लाख रुपये का सबसे बड़ा अवार्ड दिया है. झारखंड में इतने बड़े रकम का अवार्ड जीतने वाले वह पहले शख्स बन गये है. माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की ओर से बग-बूटी (bug-bounty) प्रोग्राम आयोजित किया था. इसके तहत बड़ी कंपनियों के क्रिटिकल डेटा को निकालने के लिए हैकरों को लगाया जाता है. जो इसका क्रिटिकल डेटा को निकाल देता है और इसको लीक करने में सफलता पाता है, उसको तत्काल सम्मान के रुप में अवार्ड दिये जाते है. इसी के तहत शारीक रजा ने माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का डेटा को ही लीक कर दिया, जिसके बाद उनको यह अवार्ड दिया गया. उन्होंने सबसे कठिन रिमोड कोड एक्जीक्यूशन के माइक्रोसॉफ्ट सर्वर में बग को खोज निकाला और हैकिंग की थी. इसके अलावा वे यूएसए के गृह और सुरक्षा विभाग को भी बग पहले खोजकर दे चुके है. दरअसल, कंपनियां ऑफिसियल हैकरों और सॉफ्टवेयर के जानकारों की मदद लेती है ताकि वह यह पता लगा सके कि उनके वेबसाइट कितने सेफ है. इसी के लिए यह प्रतियोगिता आयोजित की जाती है, जिसमें शारीक को यह सम्मान मिला. इससे जमशेदपुर ही नहीं बल्कि झारखंड का मान भी बढ़ा है.
कौन है शारीक रजा
शारीक रजा जमशेदपुर के गोलमुरी टुइलाडुंगरी के रहने वाले सुल्तान महमूद और जेहरा बीवी के छोटे बेटे है. 26 साल के शारीक करीब 15 साल से कंप्यूटर और वेबसाइट को हैक करने की कला जानते है और अब वह ऑफिसियल हैकर के रुप में जाने जाते है. जब वे 15 साल के थे, तब से वह अपने दोस्तों के मोबाइल और कंप्यूटर को हैक कर लेते थे. वह सफर आगे बढ़ता गया और अब उन्होंने हैकिंग को ही ऑफिसियल हैकर बनकर कैरियर बना लिया. हालांकि, शारीक इस सफलता को हासिल करने के लिए काफी मेहनत की है. उन्होंने बताया कि इन सारी सफलता के पीछे उनके बड़े भाई तारीक रजा का हाथ है, जिन्होंने हमेशा उनको मोटिवेट किया. वे बंगलोर से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर साइंस की डिग्री 2014 में हासिल की. इसके बाद जैन यूनिवर्सिटी से उन्होंने साइबर सिक्यूरिटी और साइबर फोरेंसिक की पढ़ाई की. वे वर्तमान में अमेरिका की कंपनी जेरोफॉक्स कंपनी के लिए काम करता है, जो सरफेस अटैक और वनरेबिलिटी अनालिस्ट के रुप में उनकी पहचान बनी है. वे चूंकि भारत के नेशनल सिक्यूरिटी डाटा बेस ऑफ इंडिया से ट्रेनिंग प्राप्त है, इस कारण वे जमशेदपुर के साइबर थाना की पुलिस को भी कई मामले में मदद भी करते है. वैसे वे खुद से इसको सीखे है और खुद की पढ़ाई से यह सफलता हासिल की है.

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