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Jharkhand students falicitated – झारखंड सरकार ने जैक, सीबीएसई और आईसीएसई के प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त बच्चों को किया सम्मानित, स्टेट ओलंपियाड के भी टॉपर्स सम्मानित, तीन लाख रुपए, दो लाख रुपए और एक लाख तक का मिला सम्मान, मुख्यमंत्री ने कहीं यह बात

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रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज राज्य सरकार ने आने वाली पीढ़ी के लिए एक नई योजना प्रारंभ की है. आज राज्य के मेधावी बच्चों को पुरस्कृत किया जा रहा है. हमारी सरकार की सोच है कि झारखंड के बच्चे चाहे यहां के सरकारी स्कूल में पढ़ाई कर रहे हों, सीबीएसई या आईसीएसई बोर्ड की पढ़ाई कर रहे हों. जो बच्चे शिक्षा को लेकर गंभीरता पूर्वक पढ़ाई करते हैं उनके उत्साह को मजबूती प्रदान करने एवं शिक्षा के प्रति उनकी जागरूकता को बढ़ाने के उद्देश्य से आपकी सरकार ने यह योजना शुरू की है ताकि बच्चे और होनहार बने. उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सोमवार को झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा आयोजित “पुरस्कार वितरण समारोह” जेएसी, सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड परीक्षा 2022 में झारखण्ड राज्य के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त तथा स्टेट ओलम्पियाड के प्रथम और द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त छात्र-छात्राओं का पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए कहीं. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि पुरस्कार वितरण योजना का उद्देश्य राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कर रहे बच्चों का उत्साहवर्धन करना है. (नीचे भी पढ़ें)

शिक्षा विभाग ने इस कार्य को आज पूर्ण रूप दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में अच्छे स्कूल तथा शिक्षण संस्थानों में नामांकन के लिए पैसों की जरूरत एवं पढ़ाई के लिए लैपटॉप और मोबाइल आवश्यक है. इसके जरिए वे तकनीकी जरूरतें पूरी कर सकते हैं. राज्य सरकार मेधावी छात्र-छात्राओं को आज पुरस्कार के रुप में ये सब जरूरत की चीजें प्रदान कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार इन बच्चों के अभिभावकों को भी सहयोग करने का प्रयास कर रही है, ताकि 10वीं और 12वीं के बाद की सीढ़ी के लिए उन्हें अधिक चिंता करने की जरूरत न पड़े और होनहार बच्चों को मदद मिल सके. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि प्रतियोगिता के इस दौर में यहां के बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरूकता देखने को मिली. उसका बेहतर परिणाम देखने को मिला है. आज होनहार बच्चे सम्मानित हुए हैं. इन बच्चों की क्षमता को देखते हुए लगता है, आने वाले दिनों में इससे अधिक संख्या में बच्चे सामने आ सकते हैं. उन सभी बच्चों को सरकार सम्मान देगी ताकि वे बेहतर कर सकें. (नीचे भी पढ़ें)

झारखंड सिर्फ खनिज संपदा नहीं बल्कि बौद्धिक क्षमता में भी आगे
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखण्ड सिर्फ खनिज संपदा पर ही नहीं बल्कि बौद्धिक क्षमता में भी आगे रहने की काबिलियत रखता है. यही वजह है कि जिन बच्चों को सरकार ने निः शुल्क उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजा था, वे अब अपने पैर पर खड़े हो रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश पढ़ाई करने गए कई बच्चों ने विदेशों में ही नौकरी पायी है. मौके पर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने 130 छात्र-छात्राओं के बीच 1 करोड़ 32 लाख रूपये की नकद राशि, लैपटॉप और मोबाईल सम्मान स्वरूप प्रदान किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने खिलाड़ियों में बौद्धिक और शारीरिक विकास के लिए आयोजित खेलो झारखण्ड एवं समग्र शिक्षा अभियान के तहत आयोजित कला उत्सव की जानकारी और उपलब्धियों को समेटे कॉफी टेबल बुक का लोकर्पण किया. पुरस्कार वितरण समारोह में राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो द्वारा प्रेषित संदेश भी पढ़ा गया. पुरस्कार वितरण समारोह में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, प्रधान सचिव मुख्यमंत्री वंदना डाडेल, झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार महतो, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, विभागीय सचिव के रवि कुमार, राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी एवं राज्य भर से पहुंचे पुरस्कृत होने वाले छात्र-छात्राएं एवं उनके परिजन उपस्थित थे.

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