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Kolhan-University : कोल्हान विश्वविद्यालय के संस्कृत स्नातकोत्तर विभाग में मनी गीता जयंती, छात्रों ने जाना गीता का महत्व, विभागाध्यक्ष डॉ अर्चना सिन्हा ने कहा-सभी वैदिक ग्रंथों का सार है गीता

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जमशेदपुर : चाईबासा स्थित कोल्हान विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ अर्चना सिन्हा की अध्यक्षता एवं संयोजन में गीता जयन्ती समारोह पूर्वक मनायी गयी। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंगलाचरण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थिथत डॉ अर्चना सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि गीता जयन्ती प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनायी जाती है। संपूर्ण ब्रह्मांड का ज्ञान गीता में ही समाहित है। गीता में वर्णित ज्ञानयोग, कर्मयोग एवं भक्तियोग की महत्ता की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि गीता एक दिव्य साहित्य है, जिसका प्रतिदिन ध्यानपूर्वक पठन चिन्तन एवं मनन करना चाहिए। गीता समस्त वैदिक ग्रन्थों का सार है। अतः मनुष्य के लिए एक ही ग्रन्थ पर्याप्त है। (नीचे भी पढ़ें)

इस अवसर पर प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। प्रथम सेमेस्टर की छात्रा राजेश्वरी एवं आरती केसरी ने कृष्ण भक्ति नृत्य प्रस्तुत किया। द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा लीलावती कुमार, पियूष मिश्र एवं सरस्वती महतो ने गीता-श्लोक पाठ किया। ‘गीता का महत्व’ विषय पर लीलावती कुमार ने वाचन प्रस्तुत किया। इस दौरान गीता-आधारित प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन किया गया एवं विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। मनीषा बोहरा ने भजन प्रस्तुत कर सभी को मन्त्रमुग्ध कर दिया । कार्यक्रम के समापन पर सभी विद्यार्थियों को गीता की पुस्तक भेंट की गई। कार्यक्रम में काफी संख्या में विद्यार्थी शामिल हुए और इसे सफल बनाने में सराहनीय भूमिका निभाई। मंच संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन शिक्षा-सहायिका मनीषा बोदरा ने किया।

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