जमशेदपुरः कोल्हान विश्वविद्यालय में पीएचडी शोधार्थियों की शोध को देश भर में मशहूर करने के लिए “शोधगंगा” वेबसाइट को आरंभ किया गया है. विवि द्वारा इस पर कुल 105 शोधार्थियों की शोध को अपलोड किया गया है. शोधगंगा को उजागर करने का एक ही लक्ष्य है. शोधार्थियों के बीच नकल की प्रवृत्ति पर लगाम लगाना है. इस वेबसाइट को केयू के लाइब्रेरियन नीलकंठ द्वारा संचित किया जा रहा है. शोधगंगा को इनफ्लिबनेट केंद्र द्वारा स्थापित किया गया है. इनफ्लिबनेट अहमदाबाद की आनलाइन कंपनी है. जिसे सरकार द्वारा इलेक्ट्रानिक रूप में जमा करने अनिवार्य बना दिया गया था. जिसके बाद इस वेबसाइट की शुरू की गयी. इस पर विवि द्वारा पिछले दो सालों से कार्य चल रहा है. इस दौरान सभी शोधों को एक साथ एक नया मंच उपलब्ध करया गया है. यूजीसी की इस वेबसाइट से अब तक 428 विश्वविद्यालय योगदान दे रहे है. वहीं इस वेबसाइट ‘शोगंगा’ को कोल्हान विश्वविद्यालय द्वारा अलग से फंड भी उपलब्ध करवाया जाता है.