लोहरदगा : शीला अग्रवाल सरस्वती विद्या मंदिर लोहरदगा के वीर बुधु भगत सभागार में दादा-दादी, नाना-नानी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। अतिथियों द्वारा सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से विद्यालय प्रबंध कारिणी समिति के अध्यक्ष शशिधर लाल अग्रवाल ,सचिव अजय प्रसाद ,सदस्या शोभा देवी, शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य सुरेश चंद्र पांडे एवं विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य बिपिन कुमार दास उपस्थित थे। विद्यालय के आचार्य श्री गोरख पांडे ने अतिथियों का परिचय कराया। अंग वस्त्र देकर अतिथियों को सम्मानित किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने कार्यक्रम का विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि आज के भौतिकवादी परिवेश में बच्चों द्वारा अपने दादा -दादी ,नाना -नानी के प्रति सम्मान देने में कमी दिखाई पड़ रही है। विद्या भारती ने इस कमी को दूर करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित करने की योजना निर्धारित की है।परिवार के मूल आधार दादा -दादी ,नाना- नानी को सम्मान दें। समाज का युवा पीढ़ी उनके अनुभव से लाभान्वित हो ,बुजुर्ग वटवृक्ष की जड़े जैसे हैं, पूरे विशाल पेड़ को समेट कर ,सहेज कर सुरक्षित रखते हैं। उसी प्रकार दादा -दादी ,नाना -नानी भी अपने पारिवारिक भाव को सुदृढ़ करके रखते हैं। विद्यालय की बहनों द्वारा इनके सम्मान में गीत प्रस्तुत किया गया ।दादा -दादी, नाना -नानी के पूजन का कार्य भैया /बहनों ने प्रारंभ करते हुए सर्वप्रथम चरण प्रक्षालन, चंदन वंदन ,पुष्पार्पण, आरती एवं प्रसाद खिला कर सादर अभिवादन एवं प्रदक्षिणा किया। (नीचे भी पढ़ें)
यह कार्यक्रम अत्यंत मनमोहक एवं हृदयस्पर्शी रहा ।सभी उपस्थित अतिथीयो ने इसकी सराहना की। शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य सुरेश चंद्र पांडे ने कहा कि हमें अपने दादा- दादी, नाना -नानी के प्रति सम्मान एवं आत्मीयता का भाव रखना चाहिए ।निश्चित ही अपना भारत देश पूर्व गौरव को प्राप्त कर लेगा ।अपनी संस्कृति अक्षुण्ण हैं, पुरातन है। अभिभावक स्वरूप उपस्थित रविंद्र नाथ राय ने अपना अनुभव प्रस्तुत करते हुए कहा अपने विद्यालय के हृदयस्पर्शी कार्यक्रम के लिए विद्यालय परिवार को धन्यवाद देता हूं ।इस प्रकार के कार्यक्रमों से निश्चित ही समाज में परिवर्तन आएगा। इस अवसर पर विद्यालय की पूर्व छात्रा नेहा कुमारी ने अपना अनुभव प्रस्तुत करते हुए। सभी उपस्थित अभिभावकों को भैया /बहनों को संकल्प दिलाया कि अपने माता -पिता ,दादा- दादी अपने बड़ों का सम्मान करेंगे। कार्यक्रम में उपस्थित विद्यालय प्रबंधन कारिणी समिति के अध्यक्ष शशिधरलाल अग्रवाल ने कहा कि आज के परिवेश में एकल परिवार की व्यवस्था पनप रही है, जो अपनी संस्कृति के प्रतिकूल है। संयुक्त परिवार की अवधारणा भारतीयता की विशेषता रही है। इसी को पुनः स्थापित करने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों का अपने संस्था में आयोजन किया जाता है। धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के उप प्रधानाचार्य अमरकांत शुक्ला ने कराया। मंच संचालन मंजू देवी ने किया। कार्यक्रम में विद्यालय के सभी आचार्यवृंद एवं भैया -बहन उपस्थित थे। शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।