जमशेदपुरः मां एक ऐसा शब्द है जिसे सुनकर प्रत्येक मॉ की ममता जग उठती है. भगवान ने बहुत सोच समझ कर मॉ को इस धरती पर भेजा है. बच्चपन में जब बच्चे चलना और बोलना नही जानते तब से ही मां उनकी हर बाते समझ जाती है. चाहे बच्चें बड़े हो या छोटे बाहर से घुम फिर कर आने के बाद सबसे पहले अपनी मां को ही पुकारते है. मां होती ही है इतनी अच्छी. इसी खास अवसर पर जमशेदपुर की साहित्यकार गीता दुबा ने मातृ दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने लिखा हम जानते है कि आप अपनी मां हीरा बा को हर खास अवसर पर अवश्य याद करते होगे. उनका आर्शीवाद लिए बीना आप कोई कार्य नही करते होगे.महज 17 वर्ष की आयु में जब आप घर छोड़े थे, तब आपने अपने झोले में एक जाड़े कपड़े के साथ एक चादर और मां की एक तस्वीर रखी थी, जिसका जुगाड़ करना आपके लिए बहुत मुश्किल रहा. इससे आपकी मातृ प्रेम झलकती है. इन दिनों देश में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है. इस महामारी पूरे देश को हिला कर रख दिया है. मृत्यु दर ने हम सभी को झकझोर कर रख दिया है. इसके बचाव के लिए आप पूरी शक्ति से प्रयास कर रहे है, आपके अच्छे विचारों के कारण ही दूसरे देश सहयोग के लिए आगे आ रहे है. इस सहयोग के कारण आप पर प्रहार हो रहा है. इसके लिए आपको जिम्मेवार ठहराया जा रहा है. टीका की पर्याप्त उपलब्धता न होने के कारण आप दोषी ठहराए जा रहे है.सभी ने आपको बारे में कितने ही कटु शब्द का प्रयोग किया है, कितनों ने तो आपको सत्ता लोभी तक कहा है, लेकिन आप धौर्य के साथ एक कुशल नेता के रूप में साम, दाम, दंड, भेद के बिना देश नहीं चल सकता. आपके दृढ़ इच्छा से ही हमारे देश ऊचाइयों को छुए. उन्होंने लिखा है “क्या आपके भीतर के सिसकते बच्चे का मन कभी नही होता कि वह अपनी मां की गोद में सिर रखकर कहे कि मां भले ही दुनिया भर में मेरे लाखों फॉलोअर्स हों, भले ही टाइम मैगजीन के मुखपृष्ठ पर मेरी तस्वीर छपी हो, लेकिन एक तुम ही हो जो मुझे समझती हो, तुम ही हो जो जानती हो कि मैं क्या चाहता हूं.”(नीचे भी पढ़ें)
क्यों और कब से शुरु हुई ये परंपरा-
ऐसा माना जाता है कि अंतर्राष्ट्रीय मदर्स डे मनाने की शुरुआत अमेरिका से हुई थी. सन 1912 में जब एना जार्विस नाम की अमेरिकी कार्यकर्ता ने अपनी मां के निधन के बाद इस दिन को मनाने की शुरुआत की. खास बात ये है कि पूरे विश्व में मदर्स डे की तारीख को लेकर एक राय नहीं है. भारत में इसे मई के दूसरे संडे के दिन मनाया जाता है जो इस बार 9 मई को होगा. तो वहीं बोलीविया में इसे 27 मई को मनाया जाता है. आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा ले रहीं बोलीविया की महिलाओं की हत्या स्पेन की सेना ने इसी तारीख को की थी जिसके कारण वहां इसी दिन को मदर्स डे मनाया जाता है.