जमशेदपुर : एक तरफ देश आज़ाद हो रहा था. दूसरी तरफ भारत का बंटवारा हो रहा था. भारत से अलग होकर पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान का निर्माण हुआ. अ़ंग्रेजों से ऐसी ही आज़ादी मिली थी. 14 अगस्त को बंटवारा हुआ और उस दौरान देश में कई इलाकों में दंगे भड़के जिसमें कई लोगों की जानें चली गईं. लाखों परिवार विस्थापित हुए. बड़ी संख्या में लोग भारत से पाकिस्तान गए और पाकिस्तान से लोग घर बार छोड़कर भारत आए. उस त्रासदी के दौर में कितने लाख लोग प्रभावित हुए इसकी कोई गिनती नहीं है. उसी की याद में पिछले वर्ष से पीएम नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का ऐलान किया. (नीचे भी पढ़ें)
उसी सिलसिले में जमशेदपुर के डीबीएमएस कालेज ऑफ एजुकेशन के परिसर में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का आयोजन हुआ. इस दौरान विभाजन की त्रासदी को संबोधन और स्लाइड्स के द्वारा प्रदर्शित किया गया. कार्यक्रम का आरंभ कालेज के सहायक प्राध्यापक डा.अरूण सज्जन ने स्वागत संबोधन तथा विषय प्रवेश से किया. डॉ.सज्जन ने विस्तार पूर्वक विभाजन विभिषिका के परिदृश्य को बताया. अमृता चौधरी एवं बी.एड की छात्राओं ने इस दौरान देश भक्ति गीत प्रस्तुत किए जिसमें सुदीप्ता रानी, राय मुनि टुड्डू, दीक्षा सिंह, सुनिता हेंब्रम, हीरा मई, लक्ष्मी, प्रीति, निर्मला, हिना ने भाग लिया. डीबीएमएस ट्रस्ट के चेयरपर्सन बी.चंद्रशेखर ने अपने संबोधन में देश के स्वाभिमान और मान को सर्वोच्च स्थान देने का आह्वान किया, उन्होंने कहा, “हम अपने स्वाभिमान और आकांक्षा को आगे नहीं रखें इस भाव से देश का अहित होगा””..टाटा कंपनी की तरह हमेशा देश और समाज का मुनाफा देखना चाहिए, न कि अपना मुनाफा. ” अपने प्रेरणा दायक सन्देश में बी चन्द्रशेखर ने कहा — “”किसी भी कार्य को करने से पहले यह सोचना चाहिए कि क्या यह समाज के लिए लाभदायक होगा? निजी स्वार्थ के लिए नहीं देश के हित में सोचें. “”
कंप्यूटर सहायक सुदीप प्रमाणिक ने विभाजन की विभीषिका को स्लाइड्स के द्वारा छात्र-छात्राओं को दिखाया. इस कार्य में बी.एड.की छात्रा हर्षा मोदी ने सहयोग किया. बी.एड.की छात्रा सुदीप्ता रानी ने राष्ट्र गान प्रस्तुत किया. (नीचे भी पढ़ें)
डीबीएमएस कालेज की प्राचार्या डा.जूही समर्पिता ने कहा कि विभाजन की विभीषिका को भूल कर इस बात को याद रखें कि भविष्य में फिर कभी ऐसी त्रासदी ना हो. उन्होंने छात्रों को साम्प्रदायिक सद्भावना और भाइचारे का संदेश दिया और कहा कि अपनी आजादी हमें बचा कर रखनी होगी, क्योंकि —यूनान ,मिस्र, रोम, मिट गए सारे जहाँ से ,
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी .
उन्होंने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यक्रम के सफलता पूर्वक संचालन तथा विस्तार से विवरण प्रस्तुत करने के लिए डॉ अरुण सज्जन को धन्यवाद दिया तथा चेयरपर्सन बी.चंद्रशेखर का उनके गंभीर संबोधन के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने छात्रों तथा कदमा स्कूल की अध्यापिका रानी कुमारी को भी धन्यवाद दिया. कार्यक्रम के अंत में छात्रा प्रियंका माहेश्वरी,डी .बी. एम .एस . के छात्र दूबे ने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से आजादी का महत्व हमने समझा और इसे अपने ज़ेहन में संजोया है.” उप प्राचार्या डॉ. मोनिका उप्पल ने राष्ट्र गीत और राष्ट्र गान के अंतर और महत्व को बताया. (नीचे भी पढ़ें)
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी असिस्टेंट प्रोफेसर, छात्र,छात्राएं, कालेज की सचिव प्रिया धर्मराजन, जूलियन अंथोनी, बीरेन्द्र पांडे, अभिजीत डे तथा अन्य सहयोगी कर्मचारी उपस्थित रहे.