रांची : भारत सरकार के दिशा-निदेश के अनुसार रांची के पुंदाग स्थित आईएसएम में 21 से 23 फरवरी तक ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ का आयोजन किया गया. इस दौरान संस्थान के सभी छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं लेख प्रस्तुत किये. अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस हर वर्ष 21 फरवरी को एक खास थीम के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष का थीम शिक्षा और समाज में समावेश के लिए बहुभाषावाद को बढ़ावा देना था. इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ गंगा प्रसाद सिंह ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि मनुष्य के जीवन में भाषा की अहम भूमिका है और इस दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य विश्व भर में भाषाएं और सांस्कृतिक विविधता एवम् बहुभाषिता का प्रसार करना है. उन्होंने कहा कि मातृभाषा में हम किसी भी विषय को तुरंत और अच्छे तरीके से सीख सकते हैं. प्रत्येक देश, राज्य और क्षेत्र की मातृभाषा होती है. मातृभाषा का उपयोग पढ़ाई के साथ-साथ स्थानीय सभी स्थानों पर करना चाहिए. (नीचे भी पढ़ें)
इस अवसर पर संस्थान के हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट विश्वनाथ बिद ने छात्र-छात्राओं को संबोधित किया और महान कवि रविन्द्र नाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविता ‘’हुई बिगहा जमीन का’’ पाठ कर बच्चों को अपनी मातृभाषा का सम्मान करने की सीख दी. इस दौरान संस्थान के अन्य शिक्षक एवं कार्यरत कर्मचारी गण ने भी अपने–अपने विचार रखते हुए छात्र-छात्राओं को अपनी मातृभाषा का सम्मान एवं प्रचार–प्रसार करने की प्रेरणा दी. इस अवसर पर प्रथम वर्ष की छात्रा आयुष्मा किंडो ने भाषा एक मीठी बोल पर कविता प्रस्तुत किया एवं तनय कौशल ने एक बहुत ही अच्छा गीत प्रस्तुत किया. आर्या क्षेत्री ने भी अपनी मातृभाषा नेपाली में गीत प्रस्तुत किया. तृतीय वर्ष के छात्र अभिषेक सिंह ने अपनी मातृभाषा भोजपुरी में लेख प्रस्तुत किया. इसके अलावा अन्य छात्र–छात्राओं ने भी अपनी मातृभाषा में कविता और संगीत प्रस्तुत किया. सहायक प्रोफेसर अनिमेष सरकार ने धन्यवाद ज्ञापन किया.