जमशेदपुर : सरायकेला-खरसावां के आदित्यपुर स्थित श्रीनाथ कॉलेज ऑफ एजुकेशन में नवनामांकित बीएड के प्रशिक्षुओं का स्वागत समारोह किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति डॉ. गोविंद महतो तथा शिक्षक-शिक्षिकाओं के द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया. सर्वप्रथम कॉलेज की सहायक प्राध्यापक प्रोफेसर जयश्री सिंह तथा प्रोफेसर जयारानी महतो ने “श्रीनाथ कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन” के नीति एवं नियमों (रूल्स एवं रेगुलेशन) को विद्यार्थियों के सामने रखा. साथ ही सहायक प्राध्यापक विनय सिंह शांडिल्य ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के द्वारा बीएड करने के उद्देश्य को तथा किस तरह इस कोर्स को दो वर्षों में सफलतापूर्वक पूरा किया जा सकता है, इस पर प्रकाश डाला. (नीचे भी पढ़ें)
कुलपति डॉ. गोविंद महतो ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि एक शिक्षक एक विद्यार्थी भी होता है. शिक्षकों के व्यक्तित्व में विषय का ज्ञान, शिक्षण में दक्षता, समयनिष्ठ तथा ईमानदारी जैसे गुणों का समावेश होता है. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षक को अच्छा व्यवहार, अच्छा चरित्र और अच्छी आदत रखनी चाहिए उसे गलत आदतों से परहेज करना चाहिए. शिक्षक का परिधान सामान्य होना चाहिए तथा उसे निरंतर अपने व्यवहार में सुधार लाने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों के लिए आदर्श होता है और विद्यार्थी उसके व्यवहार उसकी आदतों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करते हैं. (नीचे भी पढ़ें)
साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षक को अपने बारे में कहने से बचना चाहिए साथ ही उसे नकारात्मक चीजों से बचना चाहिए. एक शिक्षक का व्याख्यान बच्चों की समझ में आना चाहिए, साथ ही व्याख्यान को प्रभावशाली होना चाहिए इसलिए आप उसे सरल भाषा में बच्चों के सामने प्रस्तुत करें जिससे प्रत्येक बालक उसको समझ सकें, साथ ही शिक्षक को हमेशा पाठ्य योजना (लेसन प्लान) लेकर चलना चाहिए. शिक्षकों के अंदर आत्मविश्वास भी होना चाहिए और उनके व्यक्तित्व में नेतृत्व क्षमता के गुण भी होने चाहिए. स्वागत समारोह में विद्यार्थियों के द्वारा रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुती भी हुई. मंच संचालन छात्र संदीप कुमार ने तथा धन्यवाद ज्ञापन छात्रा स्मिता भारती ने किया. कार्यक्रम में अनेकों बी.एड. नव प्रशिक्षु, महाविद्यालय के शिक्षक एवं गैर शैक्षणिक कर्मचारी मौजूद रहे.