धालभूमगढ़ / चाईबासा / गढ़वा : संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा-2019 का रिजल्ट जारी कर दिया है. इस परीक्षा में झारखंड के प्रतिभागियों का भी बेहतर प्रदर्शन रहा. परीक्षा में पूर्वी सिंहभूम जिला (जमशेदपुर) के धालभूमगढ़ के कनास पंचायत निवासी शांतनु कुमार सिंह को 654वां रैंक मिला है. जबकि पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा निवासी अभिनव गुप्ता को 472वां तथा गढ़वा शहर के सहिजना टी निवासी शिवेंदु भूषण को 83वां रैंक मिला है. शिवेंदु भूषण वर्तमान में हैदराबाद में आईपीएस की ट्रेनिंग ले रहे हैं.
दो बार असफलता के बाद कम नहीं हुआ शांतनु का उत्साह व आत्मविश्वास
धालभूमगढ़ प्रखंड की कनास पंचायत के कनास गांव निवासी सेवानिवृत्त एसबीआई बैंक कर्मी सह पंचायत के मुखिया पूर्ण चन्द्र सिंह के छोटे पुत्र शांतनु कुमार सिंह ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर अपना और परिवार समेत गांव का नाम रोशन किया है. शांतनु कुमार सिंह को यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा-2019 में 654 वां रैंक प्राप्त हुआ है. परीक्षा उत्तीर्ण होने पर घर में खुशी का माहौल है. रिश्तेदार और पड़ोस के लोगों ने बधाई दी है. शांतनु कुमार सिंह ने शार्प भारत के प्रतिनिधि से दूरभाष पर बात करते हुए बताया कि वह 2017 से ही यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं. दो बार परीक्षा में सफलता नहीं मिलने के बावजूद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. वह और भी ज्यादा मेहनत करने लगे और तीसरी बार परीक्षा दी और उत्तीर्ण भी हुए. उन्होंने कहा कि मन में सच्ची लगन हो तो कोई सफलता जरूर मिलती है. शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा कक्षा 1-5 वी की पढ़ाई बिग इंग्लिश स्कूल छोटा गोविदपुर, कक्षा 6-12 वी तक की पढ़ाई सैनिक स्कूल भुवनेश्वर और ग्रेजुएशन भूगोल ऑनर्स दिल्ली विश्वविद्यालय से किया. पीजी दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से किया है. उन्होंने बताया कि शुरू से ही परिवार से दूर रहकर हॉस्टल में रहकर पढ़ाई की है. सफलता प्राप्त करने के लिए विधार्थियों में अनुशासन, धैर्य और मेहनत होनी चाहिए तभी कोई विधार्थी किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है. वह यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के लिए रोजाना 7-8 घंटे की पढ़ाई करते थे, तब जाकर परीक्षा में सफलता हासिल की है. शांतनु सिंह ने बताया कि मां लक्ष्मी देवी सिंह धालभूमगढ़ के आदर्श मध्य विद्यालय की प्रधानाध्यापक है और बड़ा भाई वरुण सिंह बिजनेस मैन हैं.
देश को सुपर पावर बनाने में सीधे भागीदारी है अभिनव की प्राथमिकता
यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा-2019 में पश्चिमी सिंहभूम स्थित चाईबासा निवासी दो चचेरे भाइयों को एक साथ सफलता मिली है. सौरभ गुप्ता को मिला 115 वां, तो अभिनव गुप्ता को मिला 472 वां रैंक मिला है. अभिनव गुप्ता के चचेरे भाई पश्चिम बंगाल कोलकाता में रहते हैं और चाईबासा के अभिनव गुप्ता मुंबई में इनवेस्टमेंट बैंकर्स में जॉब करते हुए यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। अभिनव गुप्ता के पिता राजकुमार गुप्ता का चाईबासा में साइकेल रिपेरिंग व सेलिंग की दुकान है और एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते है. अभिनव गुप्ता ने मैट्रिक तक की पढ़ाई संजेविर्यस इंग्लिश स्कुल चाईबासा से की. उसके बाद इंटरमीडिएट की पढ़ाई रांची के डीपीएस कॉलेज से और ग्रेजुएशन एनआईटी कुरुक्षेत्र से 2015 में पूरी की. फिर मुंबई में इनवेस्टमेंट बैंकर्स कंपनी में जॉब करने लगे. साथ ही यूपीएससी की तेयारी में जुट गये. अनुभव गुप्ता ने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिस कारण मैं कहीं किसी बेहतर कोचिंग सेंटर से तैयारी नहीं कर पाया. लेकिन संकल्प ले ली थी कि खुद से यूपीएससी की तैयारी करूंगा और परीक्षा में शामिल होऊंगा. आज वर्षों की तैयारी का परिणाम मिला है. मैं बेहद खुश हूं और मम्- पापा को अपनी सफलता का श्रेय देता हूं. उनके आशीर्वाद से आज मैं यूपीएससी की परीक्षा में 472 वां रैंक लाने में सफल हुआ हूं. पूछे जाने पर अभुनव गुप्ता ने बताया समाज के प्रति कुछ बेहतर करने की अभिलाषा मन में हमेशा रहा करती है, यह अभिलाषा तभी पूरी होगी, जब हम सिविल सर्विस में रहेंगे. साथ ही यह भी कहा कि देश सुपर पावर बन सके, जिसमें मैं सीधे भागीदारी कर सकूं, यह मेरी पहली प्राथमिकता है. पिता राजकुमार गुप्ता की चाईबासा में साईकिल की छोटी सी दुकान है. वहीं चचेरे भाई सौरभ अपने माता-पिता के साथ कोलकता में रहते हैं. चाईबासा में अभिनव की सफलता से खुशी का माहौल है.
आईपीएस का प्रशिक्षण ले रहे शिवेंदु भूषण ने हासिल किया 83वां रैंक
गढ़वा शहर के सहिजना टी निवासी शैलेंद्र कुमार वर्मा के पुत्र शिवेंदु भूषण ने सिविल सेवा परीक्षा-2019 में 83वां रैंक प्राप्त किया है. उल्लेखनीय है कि शिवेंदु वर्तमान में हैदराबाद स्थित आईपीएस प्रशिक्षण एकेडमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. सिविल सेवा परीक्षा-2018 में शिवेंदु भूषण ने 120वां रैंक प्राप्त किया था. इसके आधार पर उनका आईपीएस में चयन हुआ था. शिवेंदु अपने इस परीक्षा परिणाम से अधिक खुश नहीं थे और उसी समय उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में दोबारा शामिल होने का निर्णय लिया और अपनी लगन व मेहनत के बल पर इस वर्ष यानी 2019 की परीक्षा में उन्होंने 100 रैंक के अंदर अपनी जगह बना ली. शिवेंदु की इस सफलता से परिजन काफी खुश हैं.