Jamshedpur : महामारी के इस दौर में गांधीजी और ज्यादा प्रासंगिक हैं। व्यक्तित्व का निर्माण ही समाज का निर्माण है। अहिंसा से ही विश्व को जीता जा सकता है। ये बातें वर्कर्स कालेज जमशेदपुर के प्राचार्य डॉ. एसपी महालिक ने कही। वह शुक्रवार को कालेज में ‘नैतिक समाज के निर्माण में गांधी जी के विचारों की भूमिका’ विषय पर आयोजित
गोष्ठी में बोल रहे थे। गांधीजी की जयंती पर कहा कि आवश्यकता से अधिक संग्रह भी एक प्रकार की हिंसा है। गांधीजी के विचारों के अनुरूप ही हम स्वयं का सम्मान करें। आत्मनिर्भर बनें और सत्य अहिंसा कर्म तथा संतुष्टि पर ध्यान केंद्रित करें।
आमंत्रित वक्ता डॉ राजेंद्र भारती (विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान, एबीएम कॉलेज) ने कहा कि गांधीजी अंतरात्मा की आवाज सुनने पर बल देते थे। गांधीजी ने धार्मिकता से नैतिकता को जोड़ा। कहा कि किसी भी प्रकार का दिया गया दर्द अहिंसा की श्रेणी में आता है। जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज के भौतिकी विभागाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार ने कहा कि गांधीजी की परिकल्पना थी कि भारत आत्मनिर्भर बने। भारत एक समृद्ध देश के रूप में अपने आप को स्थापित करें। वर्कर्स कॉलेज के राजनीति विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार महापात्र ने विशेष रूप से गांधीजी के विचार सर्वोदय सत्य और श्रम पर प्रकाश डाला। इस वेबिनार में वर्कर्स कॉलेज के समस्त विभागाध्यक्ष मौजूद थे। को-ऑर्डिनेटर प्रो पुष्पा लिंडा व एसएस पाण्डेय ने वेबिनार का संचालन किया। अरविंद कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया।