जमशेदपुर : कोलियरी समेत कई सरकारी उपक्रम को निजी हाथों में सौंपे जाने के खिलाफ मजदूर संगठनों ने जमशेदपुर के डीसी ऑफिस को घेरा. इंटक, सीटू, एटक, एचएमएस समेत तमाम संगठनों के लोगों ने प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में इंटक के प्रदेश अध्यक्ष और मजदूर नेता राकेश्वर पांडेय, जुस्को श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय, टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद समेत तमाम मजदूर नेता के लोगों ने हिस्सा लिया. इन लोगों ने साकची आमबगान से जुलूस निकालकर डीसी ऑफिस पहुंचकर जोरदार नारेबाजी की. इस दौरान नियमों का उल्लंघन करते हुए नेताओं ने जमकर भीड़ लगा दिया. जोरदार नारेबाजी की.
ना ही शारीरिक दूरियों का पालन हुआ और ना ही लॉकडाउन के नियमों का पालन हुआ. इस दौरान किसी को लगा ही नहीं कि कोरोना वायरस के खतरे से भी लोग जूझ रहे है. बड़े नेताओं की मौजूदगी में यह आंदोलन हुआ, जिसमें नियमों की धज्जियां उड़ायी गयी. इन लोगों ने ज्ञापन भी डीसी को सौंपा. हालांकि, इस मामले में अब प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है. सारे लोगों की वीडियोग्राफी से लेकर फोटोग्राफी करायी है, जिसमें पहचान कर सारे लोगो के खिलाफ मुकदमा दायर किया जायेगा. लॉक डाउन उल्लंघन और नियमों का उल्लंघन करने का मुकदमा दायर किया जायेगा.
वैसे इस कार्यक्रम के दौरान एडीएम लॉ एंड ऑर्डर खुद बाहर निकल गये और इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय को भी कड़ी फटकार लगायी. इस दौरान उन्होंने वहीं स्पष्ट कर दिया था कि वे इस मामले में केस भी दायर करेंगे क्योंकि यह नियमों का उल्लंघन है.
ये है मजदूर नेताओं की मांग और सौंपा गया 12 सूत्री ज्ञापन :
- सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश के निर्णयों की नीति को वापस लेने के लिए समुचित व्यवस्था किया जाए,
- रेलवे, रक्षा और अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में F.D.I के निर्णयों को वापस लिया जाए.
- संसदीय स्थायी समिति के पास लंबित तीन श्रम संहिताओं को लागू करने के पहल को रोका जाए.
- पीएफ के ब्याज दर को कम करने का फैसला वापस लिया जाए.
- महामारी की अवधि के दौरान, प्रशासनिक आदेशों का उल्लंघन करके छंटनी, वेतन भुगतान में कटौती, सेवा शर्तों में बदलाव करने वाले नियोक्ताओं के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाए.
- आयकर के दायरे में नहीं आने वाले सभी परिवारों के बैंक अकॉउंट में अगले 6 माह तक 7500 रुपये प्रति माह ट्रांसफर कराया जाए.
- सभी रोजगारहीन कामगारों तथा बेरोजगार युवाओं को मनरेगा या “शहरी रोजगार योजना” के माध्यम से काम दिए जाने की गारंटी की जाए.
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सार्वभौमिकरण एवं जमाखोरी तथा सट्टा व्यापार पर प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाए.
- सार्वजनिक स्वास्थ सेवा को मजबूत किया जाए एवं कोरोना योद्धाओं के लिए व्यापक सुरक्षा मुहैय्या कराये जाए.
- ट्रेड यूनियनों के लंबित “12 सूत्री मांग पत्र” संबंधित अन्य मांगों पर पर अविलम्ब कार्रवाई शुरू किया जाए.
2016 से लंबित “भारतीय श्रम सम्मेलन” तत्काल आयोजित किया जाए.