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अमेज़ॉन-फ्लिपकार्ट के मामले में देश के व्यापारियों व कैट की याचिका पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश, टिप्पणी-जांच के नाम पर मामला लटकाना उचित नहीं, दो सप्ताह में जवाब दाखिल करें

जयपुर : राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ ने अमेज़ॉन और फ्लिपकार्ट द्वारा लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचने और अपने इ-कॉमर्स पोर्टल पर गहरी छूट तथा सरकार की एफडीआइ पालिसी के खुले उल्लंघन के मुद्दे के खिलाफ कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट दोनों के इ-कॉमर्स प्लेटफॉर्म एफडीआइ नीति का उल्लंघन कर रही हैं या नहीं. न्यायमूर्ति दिनेश मेहता ने मामले की सुनवाई की, जिसकी अगली तारीख 11 नवंबर मुकर्रर की गयी है. इसी मुद्दे पर जोधपुर के मारवाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा दायर एक अन्य याचिका को भी न्यायालय ने स्वीकार कर लिया और कैट की याचिका के साथ टैग किया. कोर्ट में कैट का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता राजवेन्द्र सारस्वत और अबीर रॉय ने किया, जबकि अमेजन का प्रतिनिधित्व लॉ फर्म अमरचंद मंगल दास और फ्लिपकार्ट का लॉ फर्म एएलजी द्वारा किया. उच्च न्यायालय ने कैट के वकील को सुनने के बाद केंद्र सरकार अमेज़न और फ्लिपकार्ट को अगले दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा गया कि प्रवर्तन निदेशालय ने मामले का संज्ञान लिया हुआ है और इस मुद्दे पर जांच जारी है. न्यायाधीश श्री मेहता ने कहा कि जांच समयबद्ध होनी चाहिए और वह देखना चाहेंगे कि प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में अब तक क्या ठोस कदम उठाए हैं जिससे इस याचिका को निपटाने में मदद मिलेगी. न्यायाधीश श्री मेहता ने कहा कि एक अंतहीन अवधि के लिए जांच जारी नहीं रखी जा सकती है और न्यायालय जांच के परिणामों को देखने का इच्छुक है.

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