जमशेदपुर : देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति और टाटा संस के एमिरट्स चेयरमैन रतन टाटा ने मंगलवार को अपने इंस्टाग्राम पोस्ट कर सबको हैरत में डाल दिया. यह पोस्ट था टाटा फाउंडेशन के नाम पर चल रहा फर्जी फेसबुक पेज का था. रतन टाटा ने अपने पोस्ट में कहा है कि रतन टाटा फाउंडेशन के नाम पर एक फर्जी फेसबुज पेज चलाया जा रहा है, जिसको काफी संख्या में लोग फॉलो कर रहे है और पैसे का भी डिमांड किया जा रहा है. उन्होंने कहा है कि वे इस फर्जी फेसबुक पेज के बारे में बताना चाहते हैं, जो उनके सहकर्मियों का नाम लेकर मदद के बदले में रुपये मांगकर आम लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे है. रतन टाटा ने अपने सारे फॉलोअर्स को आगाह करते हुए लिखा है कि टाटा समूह या उनके नाम पर किसी तरह का कोई फाउंडेशन पैसा या फंड को मंजूर नहीं करते है. रतन टाटा के इस पोस्ट करने के कुछ ही घंटों के बाद ही इस पेज को अनअवेलेबल दिखा दिया गया और उसको हटा दिया गया है. रतन टाटा ने कड़ी चेतावनी भी दी है और कहा है कि इस पेज को बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने अपने फॉलोअर्स से पेज को रिपोर्ट करने को भी कहा है. उन्होंने लोगों से कहा है कि अगर कंपनी के नाम या उनके नाम पर किसी तरह का पेज बनता है तो उसकी वैधानिकता की जांच कंपनी को मेल करके कर सकते हैं. उन्होंने इसके लिए लोगों से talktous@tatatrusts.org पर मेल करने की गुजारिश की है. टाटा ट्रस्ट ही टाटा संस की परोपकारी संस्था है. रतन टाटा फाउंडेशन के नाम से कंपनी का कोई ऐसा संगठन नहीं है. रतन टाटा ट्रस्ट की स्थापना 1919 में हुई थी. लेकिन रतन टाटा फाउंडेशन नाम का कोई चीज नहीं है.