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tata-cummins-union-टाटा कमिंस यूनियन का चुनाव 8 दिसम्बर को, 27 नवम्बर से शुरू होगी प्रक्रिया, विधायक अनूप सिंह नही बन सकेंगे अध्यक्ष

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जमशेदपुर : टाटा कमिंस कर्मचारी यूनियन में 8 दिसंबर को मतदान और मतों की गिनती होगी. रविवार को निवर्तमान कमेटी की ओर से चुनावी अधिसूचना व चुनाव नियमावली जारी कर दी गई है. टाटा कमिंस कर्मचारी यूनियन का कार्यकाल 31 मार्च 2021 को समाप्त हो चुका है. कंपनी का ट्रेनिंग रूम में बुलाई गई. बैठक के बाद निवर्तमान उपाध्यक्ष स्टीरिंग कमेटी सदस्य रामाकांत करवा के हस्ताक्षर से चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई. यूनियन के पूर्व महामंत्री हरेंद्र प्रताप सिंह को चुनाव पदाधिकारी बनाया गया है जबकि रमेश यादव, सतीश यादव, मनोज कुमार सिंह, सुजीत सरकार व संदीप उपाध्याय को चुनाव समिति का सदस्य बनाया गया है. (नीचे पूरी खबर देखे)

चुनाव में कमेटी मेंबर के 19 पदों के लिए मतदान होगा. इसके अलावा ऑफिस बिरर के 10 पदों के लिए भी मतदान होगा. टाटा कमिंस कर्मचारी यूनियन में लगभग 800 सदस्य हैं, जो इस मतदान में हिस्सा लेंगे. इसको लेकर चुनाव की नियमावली भी घोषित कर दी गई है. इस नियमावली के तहत विभाग बार पहले कमेटी मेंबरों का चुनाव होगा. मेंबर ही फिर ऑफिस में रखा चुनाव करेंगे. यूनियन के वही सदस्य मतदान या नामांकन कर सकते हैं जो 20 नवंबर 2021 तक यूनियन की सदस्यता प्राप्त कर चुके हैं. चुनाव के लिए प्रस्तावक के भी यही नियम लागू होंगे. गुप्त मतदान और अधिकृत किए गए सदस्यों द्वारा मतदान किया जाएगा. नीचे पूरी खबर देखे)

मतदान के समय सभी सदस्यों को अपना गेट पास साथ लाना होगा. 25 नवंबर तक जो सदस्य जिस निर्वाचन क्षेत्र में शामिल है वह उसी क्षेत्र से अपना नामांकन या मतदान करेंगे. उम्मीदवार प्रस्तावक व समर्थक को नामांकन पत्र जमा करते समय अपना गेट पास चुनाव पदाधिकारी को दिखाना होगा. कमेटी मेंबर के लिए चुनाव के लिए नामांकन शुल्क की कीमत 500 रुपये होगी, जो उन्हें यूनियन कार्यालय से दी जाएगी. सभी चुनाव के कार्यक्रम कंपनी परिसर में ही होगा. चुनाव संबंधी स्पष्टीकरण के लिए चुनाव पदाधिकारी से लोगों को संपर्क करना होगा महिलाओं के लिए यहां एक सीट को आरक्षित किया गया है. आपको बता दें टाटा कमिंस कर्मचारी यूनियन में राजेंद्र सिंह अध्यक्ष हुआ करते थे, जिसके बाद उनके बेटे और बेरमो से कांग्रेस विधायक कुमार जय मंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह ने उक्त पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की और चुनाव के लिए पर्यवेक्षक भी नियुक्त किया, लेकिन पूर्व महामंत्री अरुण सिंह की बर्खास्तगी प्रकरण के बाद कमिंस प्रबंधन और अनूप सिंह के बीच दूरियां बढ़ गई. अनूप सिंह की पहल पर कंपनी प्रबंधन पर मामला दर्ज कराया गया था. ऐसे में कमिंस प्रबंधन ने अपने सभी कर्मचारियों को स्पष्ट कर दिया कि नया अध्यक्ष कंपनी का ही कर्मचारी हो, इसके बाद से अनूप सिंह समर्थक लंबे समय से चुनावी प्रक्रिया का विरोध करते रहे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ और अनूप सिंह चुनाव से बाहर हो चुके हैं.

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