मुंबई/जमशेदपुर : टाटा संस के चेयरमैन साइरस मिस्त्री को टाटा समूह में इंट्री नहीं दिया जायेगा. टाटा समूह की ओर से यह फैसला लिया गया है कि साइरस मिस्त्री को अब किसी भी हाल में नये सिरे से इंट्री नहीं दी जायेगा. राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को टाटा समूह सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा ताकि तत्कालिक तौर पर टाटा समूह को राहत मिल सके और उसके बाद कंपनी की ओर से इस फैसले को कैसे निबटा जाना है, उसके तरीकों पर बातचीत की जायेगी. बताया जाता है कि एनसीएलएटी के फैसले के बाद रतन टाटा और एन चंद्रशेखरन समेत तमाम जानकारों के बीच लगातार वार्ता हुई है, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करने की योजना बनायी गयी है, जिसके लिए अधिवक्ताओं की टीम इस पर काम कर रही है और एक से दो दिनों के भीतर इसको लेकर एक याचिका दायर कर दिया जायेगा. इसको लेकर टाटा समूह की ओर से रणनीति तैयार कर ली गयी है. वैसे एनसीएलएटी ने इस फैसले को लागू करने और इस फैसले को चुनौती देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है. चार सप्ताह में अगर किसी तरह का कोई फैसला नहीं लिया गया तो साइरस मिस्त्री टाटा समूह के चेयरमैन का पद स्वत: संभाल लेंगे. गौरतलब है कि, बुधवार को एनसीएलएटी ने 110 अरब डॉलर यानी भारतीय रुपये के 7.80 लाख करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली टाटा समूह के चेयरमैन के पद पर तीन साल पहले हटाये गये साइरस मिस्त्री को वापस चेयरमैन का पद देने को कहा था. एनसीएलएटी ने बुधवार को साइरस मिस्त्री पर लगाये गये आरोपों को गलत मानते हुए उनको फिर से बहाल करने का आदेश दिया था और टाटा समूह को पब्लिक कंपनी से प्राइवेट कंपनी बनाये जाने को भी गलत करार दिया था. इसको लेकर टाटा समूह ने जो अधिकारिक बयान दिया है, उसके मुताबिक, टाटा समूह अभी इन मामलों का अध्ययन करने के बाद इस फैसले को चुनौती देगी.