जमशेदपुर : टाटा स्टील में रिटायर कर्मचारियों को भी बोनस की राशि मिलेगी. एरियर पर भी बोनस मिलना है, जिसके तहत कर्मचारियों को उसकी राशि जोड़कर दिया जा रहा है. रिटायर कर्मचारियों को जैसे ही एरियर की राशि का भुगतान कर दिया जायेगा, वैसे ही उनको बोनस की राशि भी मिल जायेगी. इसके तहत रिटायर कर्मचारी ने वित्तीय वर्ष 2019-2020 यानी 1 अप्रैल 2019 से लेकर 31 मार्च 2020 के बीच जितने महिने तक काम किया है, उउसका एरियर की राशि जोड़कर पैसे मिलेंगे. बेसिक और डीए के साथ कुल जितना माह 1 अप्रैल 2019 से लेकर 31 मार्च 2020 तक काम किया है, उसको जोड़कर 12.9 फीसदी से गुणा करेंगे और फिर सौ से उसको भाग देना होगा, उतना बोनस कर्मचारियों को मिलेगा. 21 माह के भीतर का एरियर कर्मचारियों को मिल रहा है, जिसके ऊपर की पूरी राशि मिलेगी. एरियर की राशि को जोड़ने पर 221 करोड़ रुपये होता है, जो बोनेसेबल एमाउंट होगा, जिसमें एरियर की राशि छोड़कर बेसिक व डीए को जोड़कर 880 करोड़ होता, इस कारण बोनेसेबुल एमाउंट 1100 करोड़ रुपये हो चुका है. इस कारण यह राशि 235.6 करोड़ रुपये हो गया जबकि पिछले साल 239 करोड़ रुपये मिला था, जिसमें जमशेदपुर के कर्मचारी को 131 करोड़ मिला था. जमशेदपुर में इस साल यह राशि बढ़ गयी है, जो 11 करोड़ रुपये ज्यादा होकर 142.05 करोड़ रुपये एरियर की राशि के कारण हो चुका है. दूसरी ओर, टाटा स्टील के बोनस समझौता हर साल त्रिपक्षीय होता है और इस पर उपश्रमायुक्त भी हस्ताक्षर करते है, लेकिन इस बार के बोनस समझौता पर उपश्रमायुक्त ने हस्ताक्षर नहीं किया. हालांकि, यह कहा गया कि इस पर उपश्रमायुक्त फिर से हस्ताक्षर करेंगे, जिस कारण इसकी कॉपी अभी यूनियन को वितरित नहीं की गयी है.
टाटा स्टील की गौरवमय परंपरा के अनुरूप बोनस समझौता : रघुवर दास
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने टाटा स्टील में हुए वर्ष 2019-20 के वार्षिक बोनस समझौता पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह एक बेहतर बोनस समझौता है. टाटा स्टील प्रबंधन व टाटा वर्कर्स यूनियन इसके लिए बधाई के पात्र हैं. उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 और आर्थिक मंदी से जब पूरे विश्व के उद्योग जगत त्रस्त हैं वहीं टाटा स्टील में टाटा की गौरवमय परंपरा के अनुरूप वार्षिक बोनस समझौता हुआ है. यह मजदूर हित का श्रेष्ठ उदाहरण है. श्री दास ने कहा-मैं समझता हूं कि इस बोनस समझौते में टाटा स्टील ने एक बार फिर कर्मचारियों के प्रति अपनी सहृदयता का परिचय दिया है. इस बोनस से टाटा प्रबंधन और टाटा वर्कर्स यूनियन दोनों की प्रतिष्ठा बढ़ी है। मैं दोनों को धन्यवाद देता हूं.
टिस्को ग्रोथ शॉप में शिवलखन का हस्ताक्षर नहीं होना चर्चा का विषय
टाटा स्टील की संयुक्त कंपनी टिस्को ग्रोथ शॉप गम्हरिया में भी बोनस समझौता सोमवार को हुआ. इस समझौता पर अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने हस्ताक्षर किया, लेकिन महासचिव शिवलखन सिंह ने इस समझौता पर हस्ताक्षर नहीं किया. यह चर्चा का विषय बना रहा. आपको बता दें कि शिवलखन सिंह ने राकेश्वर पांडेय को हटाकर अपनी यूनियन बना लिया था, जिसके बाद मैनेजमेंट ने हस्तक्षेप कर वापस राकेश्वर पांडेय को पद पर बैठाया और उनको अध्यक्ष के रुप में मानकर समझौता किया, लेकिन शिवलखन सिंह ने इस समझौता पर हस्ताक्षर नहीं किया. हालांकि, राकेश्वर पांडेय ने काफी बेहतर तरीके से इस मामले को संभाला और कहा कि