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tata-steel-chimney-implosion-story-टाटा स्टील में सुबह 11 बजे बैटरी नंबर 5 का 110 मीटर चिमनी को गिराने में लगे 11 सेकेंड, 2 करोड़ हुआ खर्च, 52 लोगों की टीम ने की कड़ी मेहनत, 48 किलो डाइनामाइट लगा, नये सिरे से बनेगा कोक प्लांट का नया बैटरी, देखिये-वीडियो-video, कैसे गिरा 11 सेकेंड में यह चिमनी, देखिये-video-क्या कह रहा मैनेजमेंट, आगे भी दो और ऑपरेशन चलेगा, बदलेगा टाटा स्टील

चिमनी ध्वस्त होने की तस्वीर.
ऐसे गिरा चिमनी, देखिये-video.

जमशेदपुर : टाटा स्टील के कोक प्लांट के बैटरी नंबर पांच के 110 मीटर चिमनी को गिराने को लेकर टेक्निकल तौर पर काफी कड़ी मशक्कत की गयी. करीब एक साल पहले से इसका अध्ययन करने के बाद 11 सेकेंड (पहले 5 सेकेंड में टूटने की बात आयी थी, लेकिन अभी बढ़ा दिया गया है) में सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी और सुरक्षित तरीके से इसको सुबह 11 बजे धाराशायी कर दिया गया. 42 लोगों की टीम के साथ टाटा स्टील के करीब 10 लोगों को इस काम में लगाया गया था. 48 किलो डाइनामाइट का इस्तेमाल इसको तोड़ने में लगाया गया है. (नीचे देखे वीडियो और पूरी रिपोर्ट)

टाटा स्टील के वीपी अवनिश गुप्ता का बयान-वीडियो-video.

इसको लेकर काफी अध्ययन किया गया. 1995 में स्थापित इस चिमनी को हटाने के लिए एक साल का अध्ययन किया गया. चुनौती यह थी कि कंपनी के भीतर सारे सामान और प्लांट के होते हुए उसको हटाया जाना था. यह सुनिश्चित करना था कि एक निश्चित दिशा में ही चिमनी को गिराना था. इसके लिए पहले गड्ढा खोदा गया था ताकि चिमनी गिरेगा तो सीधे उसी गड्ढा में उसी दिशा में गिरेगा. अगर थोड़ी भी गलती हुई तो वह दूसरी ओर जहां गिरा तो पूरा तहस-नहस हो जायेगा. वहां जब वह गिरेगा तो फिर धुल नहीं उड़े, इसके लिए उस एरिया की घेराबंदी कर दी गयी थी जबकि पानी का फव्वारा भी छोड़ा गया था. आवाज को भी रोकने के लिए भी यह कोशिश की गयी थी. (नीचे देखे वीडियो और पूरी रिपोर्ट)

चिमनी गिरने का तस्वीर.

इसके अलावा पर्यावरण को भी नुकसान नहीं हो, इसके लिए भी कोशिश की गयी थी. नोएडा में ट्विन टावर गिराने वाली दक्षिण अफ्रीका की कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग ने इस काम को सफल बनाया जबकि भारत के जेट डेमोलिश़न कंपनी इसमें मदद कर रही है. इसके पूरे ऑपरेशन के बारे में एक संवाददाता सम्मेलन में टाटा स्टील के वीपी टीक्यूएम अवनिश गुप्ता, वीपी सीएस चाणक्य चौधरी, टाटा स्टील कंसल्टेंट मोहन रामनाथन, टाटा स्टील के हेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट व कंस्ट्रक्शन आशुतोष कुमार सिंह, टाटा स्टील चीफ प्रोजेक्ट आयरन मेकिंग कुलदीप कुमार अरोड़ा, दक्षिण अफ्रीका के जोए ब्रिंकमैन, एडिफिस इंजीनियरिंग इंडिया के उत्कर्ष मेहता ने यूनाइटेड क्लब में संवाददाता सम्मेलन कर इसकी अधिकारिक जानकारी दी और बताया कि विश्व में यह पहली बार ऐसा हुआ है कि इतना बड़ा टावर गिराया गया है और इतने कम स्थान पर होने वाला है. दो करोड़ रुपये की लागत से इसको हटाया गया है. (नीचे देखे वीडियो और पूरी रिपोर्ट)

चिमनी गिरने का तस्वीर.

गंदगी का अंबार का रिसाइकिल का इंतजाम होगा
टाटा स्टील की ओर से बैटरी नंबर पांच के चिमनी से 600 क्यूबिक मीटर की गंदगी थी. इस गंदगी को क्रश कर दिया जायेगा. 50 फीसदी को रोड कंस्ट्रक्शन से लेकर गड्ढा को भरने में इस्तेमाल किया जायेगा. लोहे के टुकड़े को भी रिसाइकिल में इस्तेमाल किया जायेगा. (नीचे देखे वीडियो और पूरी रिपोर्ट)

टाटा स्टील के अधिकारी प्रेस कांफ्रेंस करते हुए.

कुछ दिनों कोल टावर और बैटरी नंबर 6 की चिमनी भी टूटेगा
टाटा स्टील के कोक प्लांट के बैटरी नंबर 6 का चिमनी को भी हटाया जायेगा. इसको भी तोड़ा जायेगा. इसके अलावा कोल टावर को भी तोड़ा जायेगा. कोक प्लांट को हटाकर अत्याधुनिक दो नया बैटरी लाया जा रहा है, जो कम एरिया में बेहतर प्लांट बनाया जायेगा. वीपी अवनिश गुप्ता ने बताया कि 2026 तक नया प्लांट आ जायेगा. नये प्लांट आने तक थोड़ा प्रोडक्शन प्रभावित होगा, लेकिन इससे बेहतर उत्पादन हो सकेगा. उन्होंने बताया कि अभी के ऑपरेशन डेमोलिशन से कोई भी प्रोडक्शन पर असर नहीं पड़ेगा.

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