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tata-steel-employees-pf-news-टाटा स्टील के कर्मचारियों के इपीएफ ब्याज पर लगेगा टैक्स, प्रबंधन ने दी अधिकारिक जानकारी, जानें किस कर्मचारी के पीएफ की राशि पर कितना ब्याज मिलता है और टैक्स कितना लगेगा, प्रबंधन ने कर्मचारियों के लिए जारी किया पीएफ व टैक्स को लेकर यह गाइडलाइन

जमशेदपुर : टाटा स्टील समेत अन्य कंपनियों के कर्मचारियों पर पीएफ पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगेगा. प्रबंधन ने इसकी अधिकारिक जानकारी दी गयी है. पिछले दिनों केंद्र सरकार ने जो संशोधन किये थे, उसके मुताबिक, 5 लाख रुपये तक इपीएफ सालाना जमा करने वाले पर टैक्स नहीं लगना है, लेकिन उनका प्रबंधन इसमें कोई हिस्सेदार नहीं हो तो, लेकिन टाटा स्टील या टाटा समूह की सारी कंपनियां कर्मचारियों के पीएफ में बराबर-बराबर की हिस्सेदार है. कर्मचारी का वेतन से 12 फीसदी कटौती होती है तो प्रबंधन भी अपने हिस्से का 12 फीसदी कर्मचारियों के पीएफ एकाउंट में जमा करता है. यह पहले खबर आने पर कि पांच लाख रुपये तक पीएफ का दायरा बढ़ा दिया है, पहले दिन तो टाटा स्टील और टाटा मोटर्स समेत तमाम कंपनियों के कर्मचारी खुश हो गये थे कि पांच लाख रुपये तक का पीएफ सालाना की राशि जमा होना अब टैक्स के दायरे में नहीं आयेगा, लेकिन अगले ही दिन लोकप्रिय न्यूज वेबसाइट पोर्टल http://www.sharpbharat.com ने यह साफ कर दिया था कि टाटा स्टील के कर्मचारियों को यह लाभ नहीं होगा. इसकी पुष्टि खुद प्रबंधन ने कर्मचारियों के नाम जारी किये गये सरकुलर में कर दिया है. इसमें यह बताया गया है कि नये संशोधन के मुताबिक, 2.50 लाख रुपये सालाना पीएफ जिन कर्मचारियों का जमा होता है, उसके ब्याज पर टैक्स लगेगा. इनकम टैक्स के दायरे में आयेंगे, जो लोग 2.50 लाख रुपये सालाना से कम पीएफ की राशि जमा कराते है, वे लोग टैक्स के दायरे में नहीं होंगे. ऐसे कर्मचारी का वेतन बढ़ता है या प्रोमोशन होता है, तब इसका रिव्यू कर सकते है. टाटा स्टील के चीफ रेवेन्यू एकाउंट व इंप्लाइज बेनेफिट पार्था बासु की ओर से जारी सरकुलर में कहा गया है कि सारे कर्मचारी अपने वोलंटरी प्रोविडेंट फंड (वीपीएफ) का आकलन कर लें क्योंकि टैक्स की कटौती की जा सकती है. कर्मचारियों के लिए सैप एचआर पोर्टल में वीपीएफ में संशोधन की व्यवस्था की गयी है. इसके अलावा यह भी निर्देश दिया गया है कि सारे कर्मचारी अपने पैन और आधार के साथ अपने पीएफ को लैंक कर दें ताकि किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. जो कर्मचारी पैन और आधार से अपने पीएफ को लिंक नहीं करेंगे, उनको परेशानी हो सकती है. जो लोग आधार या पैन लिंक नहीं करते है तो यह माना जायेगा कि वे लोग पैन जमा नहीं कर पाये है. पैन और आधार जिन लोगों का वेतन और पीएफ से नहीं लिंक किया गया है, तो वैसे कर्मचारियों का टैक्स ज्यादा कटौती की जा सकती है. बिना पैन और आधार देने वाले कर्मचारियों को 20 फीसदी टीडीएस की कटौती कराना होगा. इसके लिए सबको पैन और आधार से अपने वेतन, पीएफ समेत तमाम चीजों को लिंक कराने को कहा गया है. कंपनी की ओर से जारी सकुलर के मुताबिक, यह बताया गया है कि वैसे कर्मचारी जिनका पीएफ 12 फीसदी वोलंटरी प्रोविडेंट फंड (वीपीएफ) कडटता है, उनका अगर 2.50 लाख रुपये पीएफ जमा होता है तो उनको प्रबंधन भी 12 फीसदी तो देगा, लेकिन टैक्स नहीं लगेगा. अगर किसी का 3 लाख रुपये का पीएफ जमा होता है तो उनको प्रबंधन तो राशि देगा ही बल्कि उनको मिलने वाले ब्याज पर टैक्स की कटौती भी होगी. जिनका पीएफ की राशि सालाना 3 लाख रुपये जमा होती है, उनको 50 हजार रुपये का ब्याज मिलता है और 50 हजार रुपये पर टैक्स की कटौती होगी. जिन कर्मचारी का 4 लाख रुपये तक का पीएफ जमा होता है, उनको 1.50 लाख रुपये तक का ब्याज मिलेगा, जिनका टैक्स कटेगा और प्रबंधन भी इसमें अपनी राशि जमा करती है, जिस कारण उनका टैक्स की कटौती पीएफ के ब्याज पर होगी. इसी तरह जिनका 5 लाख रुपये तक का पीएफ जमा होता है, उनको प्रबंधन भी राशि अपने योगदान से जमा कराती है और उनकी भी टैक्स की कटौती ब्याज पर होगा. 5 लाख रुपये सालाना पीएफ में जमा होने वाले कर्मचारियों का ब्याज 2.50 लाख रुपये होगा, जिस पर टैक्स की कटौती होगी. इसी तरह जिन कर्मचारियों का 6 लाख रुपये तक का पीएफ की राशि जमा होता है, उनको 3.50 लाख रुपये तक ब्याज पीएफ की राशि पर मिलेगा, जिस पर टैक्स की कटौती होगी. ऐसे कर्मचारियों के पीएफ कंट्रीब्यूशन में प्रबंधन अपनी राशि जमा करायेगी. उपरोक्त सारे बदलाव एक अप्रैल 2021 से प्रभावी होंगे, जिसको लेकर कर्मचारियों को जानकारी दे दी गयी है.

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