जमशेदपुर : टाटा स्टील के एमडी सह सीइओ टीवी नरेंद्रन और कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट शेयर्ड सर्विसेज प्रोबाल घोष पर फैक्ट्री इंस्पेक्टर धीरेंद्र मुंडा ने केस दायर किया है. फैक्ट्री इंस्पेक्टर ने दोनों को जांच में लापरवाही का दोषी पाते हुए जमशेदपुर कोर्ट के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में केस दायर किया है. टाटा स्टील के एमडी कंपनी के दखलकार हैं जबकि कानून के मुताबिक वीपी प्रोबाल घोष फैक्ट्री मैनेजर हैं. दोनों के खिलाफ फैक्ट्री एक्ट 1948 की धारा 7 (ए), 2 (सी), 2 (डी), रुल 55 (ए) (1) और सब सेक्शन 32 के तहत केस दायर किया गया है. इसमें कहा गया है कि कंपनी में जिस तरह का सुरक्षा का इंतजाम होना चाहिए था, उतना नहीं था, जिस कारण 5 अप्रैल को हुई दुर्घटना में ठेका मजदूर बबलू गोप की मौत हो गयी. करीब चार साल के बाद कोई केस कंपनी के खिलाफ दर्ज हुई है. (नीचे देखे पूरी खबर)
क्या था मामला
5 अप्रैल को टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट के एलडी वन के वेसल नंबर दो के 23 मीटर लैंस जैम कटिंग प्लेटफाॅर्म पर काम के दौरान शरीर पर गर्म स्लैग गिरने से पुरुलिया निवासी ठेका कर्मचारी बबलू गोप की मौत हो गयी थी. घटना के बाद 5 अप्रैल, 15 अप्रैल और 16 अप्रैल को फैक्ट्री इंस्पेक्टर धीरेंद्र मुंडा ने जांच की थी. जांच के बाद यह केस दायर किया गया है. जांच में यह पाया गया कि घटना जब घटी तब पाया कि वहां दो लैंसर अपने -अपने हेल्पर के साथ लैंस जाम कटिंग के बाद काटे हुए जाम मैटेरियल को नीचे गिराने के लिए लोहे के बारी से ढकेल रहे थे. उसके बाद दोनों ओर के कामगार लैंसर भोला मुर्मू और हेल्पर बबलू गोप और दूसरे साइड के कामगार लैंसर तमल आइच और हेल्पर बीरबल मुर्मू 23 मीटर लैंस जाम कटिंग प्लेटफार्म पर खड़े थे और देख रहे थे कि जाम मैटेरियल के माध्यम से वेसल में गिर रहा है या नहीं. (नीचे देखे पूरी खबर)
बाइजू पंडित लोकल कंट्रोल पैनल से लैंस को ऑपरेट कर नीचे ऊपर कर रहे थे ताकि लेंस जाम मैटेरियल के माध्यम से वेसल के अंदर गिर जाये, लेकिन इसी बीच अचानक कटा हुआ लेंस जाम टूट गया और प्लेटफार्म पर बने सब लैंस थिंगल में न जाकर प्लेटफार्म पर ही गिरने लगा. यह देखकर दक्षिण दिशा की ओर कामगार हट गये थे, लेकिन मुख्य प्लेटफार्म के नीचे उत्तर दिशा की ओर स्थित कामगार बबलू गोप भाग नहीं पाया और वह उसकी चपेट में आ गया, जिससे लैंस जाम के स्लैग से दब गया. (नीचे देखे पूरी खबर)
फैक्ट्री इंस्पेक्टर ने बयान लिया है जिसमें कहा है कि साथी कर्मचारी भोला मुर्मू ने पूछताछ के क्रम में बताया कि बबलू गोप जाम मैटेरियल को लोहे के बारी से ढीला कराने गये थे. इसी बीच अचानक टूकर बबलू गोप पर गिर गया, जिससे वे दब गये, जिनकी मौत हो गयी. रिपोर्ट में पाया गया है कि जहां यह काम चल रहा था, वह काफी संकरा था. उसकी चौड़ाई काफी कम थी. यहां असुरक्षित काम हो रहा था. संकरा स्थल होने के कारण कर्मचारी बबलू गोप भाग नहीं पाया, जिससे उसकी मौत हो गयी. इस कारण यह लापरवाही का मामला है, जिसके लिए कंपनी के दखलकर टाटा स्टील के एमडी हैं और टाटा स्टील के फैक्ट्री मैनेजर वीपी प्रोबाल घोष हैं, जो इसके लिए दोषी है.