जमशेदपुर : टाटा स्टील काफी सालों के बाद हड़ताल को झेलने जा रही है. यह हड़ताल भारत के प्लांट में नहीं बल्कि ब्रिटेन (यूके) प्लांट में होने जा हा है. करीब 40 साल के बाद प्लांट में 8 जुलाई से आहूत कर दी गयी है. दरअसल, टाटा स्टील अपने ब्रिटेन के ऑपरेशन में 2800 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है. बताया जाता है कि टाटा स्टील द्वारा ब्लास्ट फर्नेस को बंद किया जा रहा है क्योंकि वह पर्यावरणस्नेही नहीं है. इसको लेकर सरकार को प्रस्ताव भी दे चुकी है. इस कारण करीब 2800 कर्मचारियों का छंटनी होने जा रहा है. इसके खिलाफ यूनाइट द यूनियन की ओर से हड़ताल आहूत कर दी गयी है. यूनियन ने एक बयान में कहा है कि टाटा के पोर्ट टैलबोट और लानबर्न में स्थित 1500 कर्मचारी कंपनी की 2800 नौकरियों में कटौती और इसके ब्लास्ट फर्नेस को बंद करने की योजना के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करेंगे. (नीचे भी पढ़ें)
यूनाइट द यूनियन की महासचिव शेरोन ग्राहक ने कहा कि टाटा स्टील के कर्मचारी केवल अपनी नौकरियों के लिए लड़ाई नहीं लड़ रहे है बल्कि कम्यूनिटी के लिए भी लड़ रहे है ताकि समुदाय का भविष्य सुरक्षित हो सके और स्टील इंडस्ट्री के भविष्य भी सुनिश्चति हो सके. उन्होने कहा कि जब तक टाटा स्टील अपनी योजनाओं को रोक नहीं देती है, तब तक हड़ताल को जारी रखा जायेगा. यूनाइटेड वेल्स स्टील इंडस्ट्रीज को बचाने के लिए लड़ रहा है और टाटा स्टील के कर्मचारियों को ऐतिहासिक लड़ाई में उनका पूरा समर्थन कर रहा है. इस बीच टाटा स्टील ने वहां की मीडिया को दिये गये बयान में कहा है कि वह इस कदम से निराश है और यूनियन से इंडस्ट्रियल एक्शन स्थगित करने का आह्वान कर रही है. इस बीच यूनियन ने दावा किया है कि विपक्षी लेबर पार्टी ने भारत की इस स्टील कंपनी से अपनी योजनाओं को रोकने और 4 जुलाई के आम चुनाव के बाद नयी चुनी हुई सरकार के साथ बातचीत करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि लेबर पार्टी ने चुनाव जीतने पर टाटा स्टील के साथ आपातकालीन वार्ता को भी प्राथमिकता दी है.