जमशेदपुर : टाटा स्टील में दोपहिया वाहनों के मूवमेंट पर लगायी गयी पाबंदी और फिर उसको वापस लेने के किये गये दावों के बीच मैनेजमेंट द्वारा लिखित तौर पर यह अधिकारियों को नहीं कहा गया है कि पूर्व की स्थिति बहाल रहेगी. लिहाजा, कर्मचारियों से यह लिखित तौर पर जानकारी दी जा रही है कि कर्मचारियों को अगर बीच में ड्यूटी से बाहर निकलना है तो उनको हेड स्तर पर ही साइन कराना होगा. इसको लेकर कई विभागों में हलफनामा की तरह ही लिखित जानकारी ली जा रही है. 11 अप्रैल से इसको लागू कर दिया गया है. यह कहा गया है कि अगर हेड स्तर पर बिना मंजूरी लिये गाड़ियों से कर्मचारी प्लांट से बाहर निकलते है तो उनको सेफ्टी के नियम का उल्लंघन का दोषी माना जायेगा. अगर किसी को दोपहिया वाहन लेकर बाहर निकलना है तो सुबह 5.30 बजे से 9 बजे तक, दोपहर 12.30 बजे से 2.30 बजे तक, शाम 4.30 बजे से 7 बजे तक और रात 9.30 से 10.30 बजे के बीच ही निकल सकते है. (नीचे भी पढ़ें)
इस समय के अलावा अगर किसी को कंपनी के भीतर से बाहर गाड़ी लेकर निकलना है तो उनको हेड स्तर पर ही मंजूरी लेनी होगी. इस आदेश में यह भी कहा गया है कि टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट के साकची एल टाउन से जो भी कर्मचारी घुसते है, उनको 35 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गाड़ी चलाना होगा. अगर इससे स्पीड में गाड़ी चलायी गयी तो सेफ्टी नियम का उल्लंघन का दोषी पाया जायेगा. इस बीच कर्मचारियों को लिखित जानकारी दी जा रही है और उनसे एक फार्म में हस्ताक्षर कराया जा रहा है, जिसमें नये नियम का अनुपालन करने का शपथ लिया गया है और सारी जानकारी है, यह भी लिखवाया जा रहा है. गौरतलब है कि इस नये नियम के लागू होने के बाद यूनियन ने यह कहा था कि कर्मचारियों के लिए हेड स्तर से हस्ताक्षर करने के प्रावधान को रोक दिया गया है और पहले की तरह की व्यवस्था लागू कर दी गयी है. लेकिन अब इसके बावजूद नये नियम को ही लागू कर दिया गया है.