जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन में वेज रिवीजन समझौता को लेकर यूनियन की ओर से रिक्वीजिशन मीटिंग नहीं बुलायी जायेगी. महामंत्री सतीश सिंह ने यह साफ किया है. महामंत्री सतीश सिंह ने शार्प भारत के साथ बातचीत में इसका भी खुलासा किया है कि उन्होंने यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद और डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय की सलाह पर रिक्वीजिशन मीटिंग नहीं बुलायी थी. अगर मीटिंग बुलाने का इजाजत दे दिया जाता तो वे जरूर इस मुद्दे पर मीटिंग बुलाते. दूसरी ओर, शुक्रवार को सामान्य फाइनांस मीटिंग की बैठक बुलायी गयी थी. लेकिन इसकी ऑडिट रिपोर्ट ही नहीं आयी, जिसके बाद फाइनांस कमेटी की बैठक नहीं हो पायी. ऐसे में सामान्य तौर पर होने वाला कमेटी मीटिंग भी नहीं बुलायी जायेगी.
अब रिक्वीजिशन मीटिंग बुलाने वाले पहले रिक्वीजनिस्ट यानी पहले हस्ताक्षर करने वाले कमेटी मेंबर खुद से रिक्वीजिशन मीटिंग बुला सकते है. आपको बता दें कि करीब 80 कमेटी मेंबरों ने एक लिखित आवेदन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद और महामंत्री सतीश सिंह को दिया था. इन दोनों नेताओं को रिक्वीजिशन मीटिंग सिर्फ वेज रिवीजन के मुद्दे पर बुलाने की मांग की थी ताकि कर्मचारियों की भावनाओं से सत्तासीन पदाधिकारियों को बताया जा सके और पदाधिकारियों को कैसे वार्ता किया जाना है और उनकी सोच क्या है, यह बताया जाये. लेकिन यह मीटिंग नहीं बुलायी गयी. टाटा वर्कर्स यूनियन में महामंत्री को ही रिक्वीजिशन मीटिंग बुलाने का अधिकार है. अगर यूनियन नहीं बुलाती है तो पहले रिक्वीजनिस्ट को यह अधिकार है कि वह वेज रिवीजन समझौता के मुद्दे पर मीटिंग बुला सकती है, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है.