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tata-workers-union-election-टाटा वर्कर्स यूनियन चुनाव में बड़ा उलटफेर, अरविंद पांडेय एंड टीम को मिला पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय का ”आर्शीवाद”, टुन्नु, सतीश व शैलेश की टीम को मिला बड़ा झटका, उपाध्यक्ष हरिशंकर सिंह ने अलग राह पकड़ी, सतीश-टुन्नु ने शैलेश के आते ही अपनों को कर दिया दरकिनार

टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष रधुनाथ पांडेय के साथ अरुण सिंह, अरविंद पांडेय, आरसी झा और अन्य.

जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन के चुनाव में बड़ा उलटफेर सामने आया है. यूनियन चुनाव में सत्ता पक्ष के रुप में पहचान बना चुके डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय और उनकी टीम को बड़ा समर्थन हासिल हुआ. टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष और जुस्को यूनियन के वर्तमान अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय ने अरविंद पांडेय, अरुण सिंह, नितेश राज समेत तमाम लोगों से मुलाकात की है और अपना आर्शीवाद दिया है. बताया जाता है कि ये तीनों लोग उनसे मिलने के लिए जुस्को यूनियन ऑफिस गये थे. जहां उनकी मुलाकात रघुनाथ पांडेय से हुई. इस मुलाकात के दौरान चुनावी चर्चा भी हुई और रघुनाथ पांडेय ने उनको सुझाव दिया कि कर्मचारियों केहितों के लिए काम करते रहे, कर्मचारी जरूर साथ देंगे. इस मुलाकात के बाद अरविंद पांडेय, अरुण सिंह, आरसी झा और नितेश राज में नया जोश भर चुका है. इस बीच टाटा वर्कर्स यूनियन के तथाकथित विपक्षी भूमिका निभा रहे संजीव चौधरी टुन्नु और सतीश सिंह की जोड़ी के साथ शैलेश सिंह के आने के बाद उनके अपने ही पराये हो गये है. खास तौर पर शैलेश सिंह की इंट्री के बाद से लगातार संजीव चौधरी टुन्नु और सतीश सिंह को रिटर्निंग ऑफिसर के चुनाव में जिताने वाले लोग ही बिदक गये है और अब अंदर ही अंदर नाराज हो चुके है. ऐसे लोगों ने अब अपनी राहें जुदा कर ली है. बताया जाता है कि यूनियन के उपाध्यक्ष हरिशंकर सिंह ने अपनी अलग राह पकड़ ली है. हरिशंकर सिंह यूनियन के कद्दावर नेता है और वर्तमान में उपाध्यक्ष है. संजीव चौधरी टुन्नु और सतीश सिंह की टीम बनाने में मुख्य भूमिका हरिशंकर सिंह की ही है. पर्दे के पीछे रहकर हरिशंकर सिंह ने ही कड़ी मेहनत की थी और संगठन को जोड़कर आगे बढ़ाया था. सत्ता में महामंत्री के तौर पर सतीश सिंह का साथ हरिशंकर सिंह ने हमेशा दिया है और लगातार उनका मार्गदर्शन करते रहे है. लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर का चुनाव जीतने के बाद से ही सतीश सिंह ने अपने ही करीबियों को दरिकनार करना शुरू कर दिया, जिससे सारे लोग नाराज होने लगे और हालात यह है कि उनके सबसे करीबी माने जाने वाले हरिशंकर सिंह ने ही सतीश सिंह का साथ छोड़ दिया है. वे खुद की बदौलत चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके है. यहीं कारण है कि जब शैलेश सिंह की इंट्री हो रही थी, उस संवाददाता सम्मेलन में भी हरिशंकर सिंह मौजूद नहीं थे. हरिशंकर सिंह को संवाददाता सम्मेलन में लाने का काफी प्रयास किया गया था, लेकिन हरिशंकर सिंह ने वहां जाने से मना कर दिया. इसके बाद से माहौल में तल्खी देखी जाने लगी और धीरे-धीरे हरिशंकर सिंह अपनी अलग राह पकड़ ली है. हालांकि, हरिशंकर सिंह ने अब तक सत्ता पक्ष के अरविंद पांडेय और नितेश राज का साथ नहीं दिया है और अलग ही अपना प्रचार कर रहे है. वैसे खुद हरिशंकर सिंह इस बारे में कुछ बोलने से साफ बच रहे है.

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