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tata-workers-union-election-टाटा वर्कर्स यूनियन चुनाव में तीसरा कोण बनने से सत्ता पक्ष और विपक्ष की बढ़ी टेंशन, अरुण सिंह और आरके सिंह भी टॉप थ्री का लड़ेंगे चुनाव

अरुण सिंह का फाइल तस्वीर.

जमशेदपुर : टाटा स्टील की अधीकृत यूनियन टाटा वर्कर्स यूनियन का चुनाव होने वाला है. इसको लेकर शह और मात का खेल चल रहा है और हर दिन नये समीकरण देखने को मिल रहा है. इस चुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है. पहले तो आर रवि प्रसाद, शहनवाज आलम और शैलेश सिंह के सत्ता पक्ष के साथ अरविंद पांडेय ने दूरी बनायी तो दूसरे ही दिन फिर से सतीश सिंह और संजीव चौधरी टुन्नु के विपक्षी टीम का साथ अरविंद पांडेय ने छोड़ दिया और सत्ता पक्ष ने अपना अध्यक्ष पद का उम्मीदवार अरविंद पांडेय को बना दिया जबकि महामंत्री या डिप्टी प्रेसिडेंट के टॉप थ्री के पद पर शैलेश सिंह को चुनाव लड़ाने का ऐलान कर दिया. इस मामले को लेकर अभी चुनावी गतिविधियां तेज ही थी कि अचानक से अध्यक्ष पद का इससे पहले भी चुनाव लड़ चुके अरुण सिंह और आरके सिंह ने घोषणा कर दी कि वे लोग टाटा वर्कर्स यूनियन के आसन्न चुनाव में टॉप थ्री यानी अध्यक्ष, महामंत्री या डिप्टी प्रेसिडेंट के पद के लिए चुनाव लड़ेंगे. वैसे यह कयास लगाया जा रहा है कि अरुण सिंह अध्यक्ष पद के लिए ही चुनाव लड़ेंगे. वैसे खुद अरुण सिंह ने कहा है कि टॉप थ्री में लड़ेंगे, अध्यक्ष लड़ेंगे या नहीं, यह सबसे रायशुमारी और हालात देखने के बाद फैसला लेंगे. अरुण सिंह ने यह भी कहा कि वे और आरके सिंह एक साथ है और उनको सत्ता पक्ष और विपक्ष के किसी टीम से मतलब नहीं है, वे लोग स्वतंत्र रुप से चुनाव लड़ेंगे. खुद आरके सिंह और अरुण सिंह टॉप थ्री के पद पर चुनाव लड़ेंगे, ऐसा कहा गया है. इके बाद अध्यक्ष पद के लिए तीसरे दावेदार आ चुके है और यह तीसरा कोण पूरे चुनावी समीकरण में देखने को मिल रहा है क्योंकि अध्यक्ष पद के लिए विपक्ष से पूर्व डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नु और सत्ता पक्ष सेअरविंद पांडेय अध्यक्ष पद के दावेदार होंगे जबकि अध्यक्ष पद पर भी दावेदार सामने आयेंगे. वैसे आरके सिंह के बारे में यह कहा जाता है कि वे महामंत्री के पद पर चुनाव लड़ सकते है. फिलहाल, इसको लेकर माहौल गर्मा गया है. वैसे अरुण सिंह खुद पुराने कमेटी मेंबर है, जो एमइडी इलेक्ट्रिकल से चुनाव जीतते रहे है और पहले भी अध्यक्ष पद का चुनाव ल ड़ चुके है. वे फिजिक्स में एमएससी है और वे भारत के राष्ट्रपति के हाथों श्रम वीर अवार्ड जीत चुके है. आरके सिंह भी पुराने और मंझे हुए चुनावी खिलाड़ी माने जाते है. ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्ष का खेल अरुण सिंह और आरके सिंह बिगाड़ सकते है.

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