जमशेदपुर : टाटा स्टील और टाटा वर्कर्स यूनियन की संयुक्त ज्वाइंट कमेटी का गठन होने वाला है. इसको लेकर टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु, महामंत्री सतीश सिंह और डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश सिंह के साथ मैनेजमेंट की कई दौर की वार्ता हो चुकी है. अब तक यह तय हुआ है कि जो संयुक्त समितियां है, उन सारी समितियों के गठन में तीनों के लोगों को जगह दी जायेगी. आपस में बैठक कर टॉप थ्री ने यह तय किया है कि ज्वाइंट कमेटी में 50 फीसदी ज्वाइंट कमेटी अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु के मन के मुताबिक बनेगा या चेयरमैन या अहम पद उनके चाहने वाले को ही मिलेगी. वहीं, 25 फीसदी महामंत्री और 25 फीसदी डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश सिंह के लोगों को जगह मिलेगी. इसी आधार पर तय हो रहा है और लगातार मीटिंग हो रही है. हालांकि, इस बार मैनेजमेंट ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि संयुक्त समितियों के गठन में कमी लायी जाये, जेडीसी में कमी लायी जाये ताकि खर्चे को कम किया जा सके. (नीचे भी पढ़ें)
इसकी वजह यह भी है कि चूंकि, मैनपावर कम हो चुका है, इस कारण मैनपावर के अनुसार ही जेडीसी को तय किया जाये. इसके अलावा संयुक्त समितियों में अपने लोगों को जगह दी जाये, इसके लिए सारे लोग ताकत लगाये हुए है. कमेटी मेंबरों द्वारा इन तीन अधिकारियों का चक्कर काटते देखा जा रहा है ताकि मलाईदार सब कमेटी में उनको जगह दी जाये. वैसे अंदरखाने अभी भी राजनीति थमी नहीं है. दरअसल, अभी का जो माहौल है, उसके मुताबिक, टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु और डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश सिंह अभी एक साथ ही चल रहे है. महामंत्री सतीश सिंह इन दोनों से अलग हटकर रह रहे है. ऐसे में 50 फीसदी अध्यक्ष और 25 फीसदी डिप्टी प्रेसिडेंट का संयुक्त समिति लगभग कॉमन होगा और करीब 75 फीसदी लोग एक ही खेमा के हो जायेंगे जबकि महामंत्री सतीश सिंह काफी कम लोगों को ही जगह दिला पायेंगे. ऐसे में इसको लेकर भी अंदरखाने काफी गहमा गहमी और उठापटक की स्थिति है. लेकिन मैनेजमेंट के हस्तक्षेप के कारण अभी मामला शांत है और संयुक्त समिति बनाने का काम चल रहा है.