जमशेदपुर : जमशेदपुर के लिए आने वाले दस दिन निर्णायक होंगे, जिसमें यह मालूम चलेगा कि कोरोना का दूसरा लहर (सेकेंड वेभ) आयेगा या नहीं और आयेगा तो उसकी रफ्तार कितनी है. दरअसल, दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ जैसे पर्व समाप्त हो चुके है और शादियों का लगन चल रहा है, ऐसे में लोगों को अभी और सतर्कता जरूरी है क्योंकि अब तक न तो कोरोना का कोई वैक्सीन आया है और ना ही कोई इलाज ही आया है. ऐसे में सबको सचेत रहते हुए अपना काम करना होगा. यह जानकारी टाटा स्टील के कोरोना स्पेशलिस्ट सह मेडिकल सर्विसेज के सलाहकार डॉ राजन चौधरी ने दी. श्री चौधरी शुक्रवार को टाटा स्टील के ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उनके साथ कारपोरेट कम्यूनिकेशन के चीफ कुलविन सुरी और हेड रूना राजीव कुमार मौजूद थी. टाटा स्टील के मेडिकल सर्विसेज के सलाहकार डॉ राजन चौधरी ने बताया कि अभी टीएमएच का रिकवरी रेट 89.33 फीसदी यानी करीब 90 फीसदी तक पहुंच चुकी है. कोरोना पोजिटिव मरीजों के एडमिशन होने की संख्या भी पहले से कम हो चुकी है. पहले ज्यादा संख्या आती थी, जो अब घटकर 25 से 30 मरीज हर सप्ताह टीएमएच में आ रहे है. जाहिर सी बात है कि अस्पताल में डिस्चार्ज की संख्या भी कमी हुई है, जिसमें औसतन हर सप्ताह 50 लोग डिस्चार्ज हो रहे है. डॉ राजन चौधरी ने बताया कि टीएमएच में कोरोना के कुल टेस्ट 89028 हो चुकी है, जिसमें आरटीपीसीआर टेस्ट 43223 है, जिसका पोजिटिविटी रेट 1.25 फीसदी है जबकि रैपिड एंटीजन टेस्ट भी हुआ है, जिसका पोजिटिविटी रेट 1.51 फीसदी रह गया है यानी 5 फीसदी से भी नीचे है, जो कोरोना के लिहाज से बेहतर माना जाता है. लेकिन कोरोना के मरीजों का आना जाना जारी है. ऐसे में हम लोगों को चाहिए कि अभी बिना मास्क के नहीं निकलना चाहिए, हाथ धोते रहना चाहिए और सैनिटाइजर के साथ ही चलना चाहिए और हाथ साफ करते रहना चाहिए. शादियों में बिना मास्क के और हद से ज्यादा भीड़ लगना खतरनाक है और आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़ाने के संकेत है, इस कारण आने वाले दस दिन काफी भारी होगा, जिसमें मालूम चलेगा कि संख्या कितना बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि मरीजों के इलाज को लेकर पूरी दुनिया में अब यह हो गया है कि जिसमें कोरोना का असर दिखेगा और इलाज सही में जरूरत होगा, उनको ही दाखिला लिया जायेगा, जिस कारण टीएमएच में भी इसी तरह का कोरोना के बेड कम कर दिये गये है. टीएमएच के भीतर अभी 263 बेड कोरोना के लिए आरक्षित है जबकि 100 बेड टीएमएच के बाहर हॉस्टल में रखे गये है. वैसे टीएमएच में कुल बेड की संख्या 1028 है, लिहाजा, अब बाहरी लोगों का दूसरी बीमारियों का सामान्य इलाज हो रहा है जबकि टीएमएच प्राइम और ओपीडी भी सामान्य तौर पर संचालित किये जा रहे है. वैसे आइसीयू, सीसीयू और एचडीयू में चूंकि बेड कम है, इस कारण थोड़ी परेशानी होती है. (नीचे और खबरें पढ़ें, टीएमएच में कोरोना टेस्ट का कहां कितना लगना है पैसा)
टीएमएच में अब कोरोना टेस्ट और इलाज का लगेगा पैसा
टीएमएच में झारखंड सरकार के गाइडलाइन के मुताबिक, कोरोना के सारे टेस्ट और इलाज का पैसा लगेगा. मुफ्त में इलाज और कोरोना टेस्ट बंद कर दिया गया है. टाटा स्टील के मेडिकल सर्विसेज के सलाहकार डॉ राजन चौधरी ने बताया कि एक दिसंबर से कोरोना के सारे इलाज और टेस्टिंग का पैसा लिया जायेगा. सरकार के गाइडलाइन के मुताबिक, आरटीपीसीआर टेस्ट का 1050 रुपये, रैपिड एंटीजन टेस्ट का 550 रुपये और एंटीबॉडी टेस्टिंग का 250 रुपये लोगों को देने होंगे. जहां तक कोरोना होने के बाद एडमिट होने का सवाल है तो एडमिट होने के बाद इलाज का रेट सरकार ने तय कर दिया है, जिसके तहत अगर हल्का बुखार है और ऑक्सीजन की जरूरत है तो मरीज को एक दिन का 8000 रुपये, अगर गंभीर बुखार है और ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है तो 10 हजार रुपये और अगर गंभीर बुखार है और इनवेसिव और नन इंवेसिव ऑक्सीजन दिया जा रहा है तो 12 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पैसे मरीजों को देने होंगे. 30 नवंबर तक जो भर्ती है, उनका इलाज मुफ्त चलता रहेगा, लेकिन एक दिसंबर से जिसका दाखिला होगा, उसका पैसा लगेगा. सामान्य अगर एडमिट होता है तो उनको 5000 रुपये का एडमिशन फीस देना होगा जबकि अगर आइसीयू की जरूरत होगी तो एडमिशन के वक्त 19 हजार रुपये लोगों को देने होंगे, तब दाखिला हो सकेगा. (नीचे पढ़े टाटा स्टील ने कहां किये 100 करोड़ खर्च)
कोरोना को लेकर टाटा स्टील कर चुकी है 100 करोड़ रुपये खर्च
टाटा स्टील के मुताबिक, कोरोना को लेकर टाटा स्टील झारखंड में 100 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. टाटा स्टील के प्रवक्ता कुलविन सुरी ने बताया कि झारखंड में करीब 100 करोड़ रुपये खर्च किया जा चुका है. अकेले टीएमएच में 3986 मरीजों का मुफ्त इलाज किया गया है. इसके अलावा कई सारी समस्याओं का निराकरण किया गया है, जिसके लिए कदम उठाये गये है. (नीचे पढ़े जमशेदपुर में कोरोना के वैक्सीन की क्या है तैयारी)
वैक्सीन को लेकर प्रगति पर टाटा स्टील की नजर
टाटा स्टील मेडिकल सर्विसेज के पूर्व जीएम सह सलाहकार डॉ राजन चौधरी ने बताया कि कोरोना के वैक्सीन पर टाटा स्टील और टीएमएच की पैनी नजर है. कोरोना वैक्सीन को लेकर जहां तक भारत का सवाल है तो भारत के पुणे स्थित सीरम इंस्टीच्यूट की वैक्सीन तैयार की जा रही है. ऑक्सफोर्ट यूनिवर्सिटी में जैसे ही कोरोना का वैक्सीन तैयार हो जायेगा, वैसे ही इसका वितरण शुरू हो जायेगा. उन्होंने बताया कि इसकी खासियत यह है कि इसका स्टोरेज 2 से 8 डिग्री सेल्सियस में रखना और ट्रांस्पोर्टिंग किया जा सकता है, जैसे सामान्य वैक्सीन को रखा जाता है. इसके रख-रखाव का अलग इंतजाम नहीं करना होगा. भारत बायोटेक भी इस पर काम कर रही है, जो एडवांस स्टेज पर है. वैसे दो विदेशी कंपनी मॉडर्ना और फाइजर कंपनी भी कोरोना वैक्सीन बना रही है, लेकिन इसमें खामी यह है कि वैक्सीन को माइनस 70 से 30 डिग्री में रखना चुनौतीपूर्ण काम है. (नीचे पढ़ें शादी समारोह और सर्दी के मौसम में क्या एहतियात जरूरी)
अभी शादी समारोह में अलर्ट रहे, सर्दी के मौसम में एहतियात जरूरी
डॉ राजन चौधरी ने बताया कि अभी शादी समारोह का सीजन चल रहा है. ऐसे में भीड़ में जाने से बचे. सरकार की जो संख्या का गाइडलाइन है, उसका अनुपालन करें, भीड़ से बचे. मास्क सामने वाला व्यक्ति और आप दोनों पहने तो संक्रमण नहीं फैलेगा. डॉ राजन चौधरी ने बताया कि अमेरिका में एक शादी हुई, जिसमें 55 लोग शामिल हुए. एक व्यक्ति उस शादी में पोजिटिव निकल गया, जिसके माध्यम से 77 लोग कोरोना पोजिटिव हो गये और 7 ऐसे लोग मर गये, जो शादी समारोह में भी नहीं गये थे. ऐसे में यह बीमारी का संक्रमण तेजी से फैलता है, जिसका असर लोग समझने को तैयार नहीं है, लेकिन सतर्कता ही इसका उपाय है. उन्होंने बताया कि अभी सर्दियों का मौसम है. ऐसे में जुकाम, बुखार और खांसी सामान्य बात है. ऐसे में जिनको भी सर्दी, बुखार और जुकाम हो, वे तत्काल अपने को आइसोलेट यानी अलग स्थान पर रखे और अगर तीन से ज्यादा दिन तक सर्दी, जुकाम या बुखार होता है तो लोग तत्काल कोरोना टेस्ट कराये, जिसके बाद जो प्रोसेस है, उसको फॉलो करें.