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tmh-corona-update-जमशेदपुर में किस कदर कोरोना के खतरनाक हो रहे हालात का अंदाजा टीएमएच की इस रिपोर्ट से जानें-टीएमएच में पिछले सप्ताह 7 दिनों में कोरोना से हुई थी 27 मौत, सिर्फ 4 दिनों में अब तक हो चुकी है 34 मौतें, टीएमएच में 33 डॉक्टर कोरोना की चपेट में, चिकित्सकों की कमी, बेड और दवा पर भी आफत, डरकर रहिये, कोरोना से बचकर चलिये, जानें क्या है स्थिति, क्या है तैयारियां

यह पुरानी तस्वीर है, जो सांकेतिक तौर पर लगाया गया है.

जमशेदपुर : जमशेदपुर में किस कदर कोरोना का खतरा बढ़ रहा है, उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि टीएमएच में पिछले सप्ताह 7 दिनों में 27 लोगों की मौत कोरोना से हुई थी जबकि मंगलवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार इस सप्ताह 34 लोगों की मौत हो चुकी है. यह जानकारी टाटा स्टील के मेडिकल सर्विसेज के कोरोना स्पेशलिस्ट सलाहकार डॉ राजन चौधरी ने दी. डॉ राजन चौधरी ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. डॉ राजन चौधरी ने बताया कि टीएमएच में 478 बेड कोरोना के लिए चालू किये जा चुके है. 328 टीएमएच में जबकि 150 बेड जीटी 4 हॉस्टल में है. टीएमएच में जितने बेड है, उसमें पूरी तरह ऑक्सीजन लगा हुआ है. इसके बेड की संख्या को बढ़ाया जा रहा है. ऑक्सीजन लगे 30 बेड बढ़ाये जा रहे है. डॉ राजन चौधरी ने बताया कि पिछले चार दिनों में 1300 से 1500 टेस्ट कराये गये थे, जिसमें 650 आरटीपीसीआर, 600 से ज्यादा रैट टेस्ट जबकि शेष ट्रूनेट मशीन में टेस्ट हुआ था. उन्होंने बताया कि पोजिटिविटी रेट भी काफी ज्यादा हो चुका है. 11 अप्रैल को 23.26 पिछले सप्ताह कोरोना पोजिटिव टेस्टिंग में आ रहे थे, जो सिर्फ 4 दिनों में 36.73 फीसदी हो चुका है. रैट में 10.45 फीसदी हो चुका है जबकि यह 5.2 फीसदी था. हालात यह है कि हर दिन 400 से ज्यादा पोजिटिव मरीज निकल रहे है. डॉ राजन चौधरी ने बताया कि बेड पूरी तरह फुल हो चुका है. सारे बेड ऑक्सीजनयुक्त है, इस कारण ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. उन्होंने बताया कि कुल 34 मौत 4 दिनों में हुई है, जो खतरनाक आंकड़े है. इसमें 40 से 79 उम्र के मरीज है जबकि 11 मरीज 40 से 60 साल के है, जिसमें अधिकांश को कोरोना ही था कोई और दिक्कत नहीं था. हालात का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि जो मरीज आ रहे है, वह 48 घंटे में ही मर जा रहे है. उन्होंने यह भी बताया कि लोगों को टीकाकरण का लाभ उठाना चाहिए, कोई दिक्कत नहीं है जबकि लोगों को मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का अनुपालन किया जाये. उन्होंने बताया कि टीएमएच में 16 जनवरी से टीकाकरण अब तक 25344 हो चुका है, जिसमें से 3029 लोगों को दोनों डोज दिया जा चुका है. काम वाले स्थान यानी टाटा स्टील के प्लांट में भी सरकार के गाइडलाइन के मुताबिक, टीकाकरण किया जा रहा है, जिसके तहत 819 लोगों का टीकाकरण किया गया है. सलाहकाकर डॉ राजन चौधरी ने बताया कि 30 से 35 बेड ऑक्सीजन के साथ नये रुप से विकसित किये जा रहे है. टिनप्लेट अस्पताल के साथ मिलकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है. टीएमएच में अकेले 54 बेड है, जो वेंटिलेटर के है. उन्होंने बताया कि बेड को लेकर दिक्कत जरूर है, लेकिन उसकी समस्या का निराकरण करने की कोशिश हो रही है. सलाहकार ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि दूसरी बीमारी के कारण भर्ती होने वाले लोग अगर कोरोना पोजिटिव हो जा रहे है तो उनकी असल बीमारी का इलाज नहीं हो पा रहा है. टीएमएच के पूर्व जीएम ने कहा कि यह आरोप गलत है. जिसको दिल का रोग है, उनका डॉक्टर पीपीइ किट पहनकर इलाज कर रहे है. बच्चों को जन्म दिलाया जा रहा है, अस्पताल में जो आपात स्थिति है, उसको पूरी तरह बेहतर रखा गया है. टीएमएच के पूर्व जीएम ने बताया कि अभी हालात और खराब होते नजर आ रहे है. पीक पर अभी नहीं पहुंचा है. जो लोग डाइबिटीज है, लीवर की दिक्कत है, कैंसर है, उनको ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है. डबल म्यूटेंट स्ट्रेन ज्यादा खतरनाक है, जो सबसे जल्दी संक्रमित कर रहा है, जिस कारण लोगों को बचने की जरूरत है. डॉ राजन चौधरी ने बताया कि दवा की कमी पूरा देश झेल रहा है, टीएमएच में रेमडिसीवीर दवा की उतनी दिक्कत तो नहीं हुई है, लेकिन हालात कंट्रोल के बाहर नहीं हो, इस कारण हम लोग पेरीपेरावीर नामक दवा का इस्तेमाल कर रहे है, जो हल्का कोरोना वालों का इलाज हो रहा है. उन्होंने बताया कि टीएमएच के 17 डॉक्टर अब तक कोरोना पोजिटिव हो चुके है और कोरोना पोजिटिव के संपर्क में आने वाले चिकित्सक भी है, यानी कुल 33 चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं है जबकि चिकित्सकों की संख्या 300 से अधिक है, लेकिन करीब 33 चिकित्सकों का नहीं होना बेहतर हालात नहीं बयां कर रहे है.

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