जमशेदपुर : जमशेदपुर के कारोबारी सज्जन नरेडी के घर और कार्यालयों में दूसरे दिन भी छापामारी चल रही है. गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी इनकम टैक्स की टीम ने छापामारी शुरू की है. बुधवार तक छापामारी में सज्जन नरेडी मौजूद नहीं थे, लेकिन गुरुवार को वे सुबह में छापामारी के दौरान अपने जमशेदपुर के बिष्टुपुर के कोऑपरेटिव कॉलेज के सामने वाले मकान में सज्जन नरेडी पहुंच गये. यह छापामारी का दायरा काफी आगे निकल चुका है. बताया जाता है कि उनका कनेक्शन आइएएस पूजा सिंघल के घर और अन्य ठिकानों पर अवैध माइनिंग और शेल कंपनी से जुड़ा हुआ है. बताया जाता है कि इडी की पूजा सिंघल के यहां हुई छापामारी के दौरान सज्जन नरेडी का कनेक्शन का पता चला है. यह भी पता चला है कि सज्जन नरेडी शेल कंपनियों के नाम पर कारोबार किये है. टीपी साव एंड कंपनी में निदेशक के पद पर रहते हुए सज्जन नरेडी ने पश्चिम सिंहभूम के चाईबासा में बंद टीपी साव के माइंस से आयरन ओर का कारोबार किया. यहीं वजह है कि सज्जन नरेडी के जमशेदपुर में सिर्फ 3 स्थानों पर पहले छापामारी शुरू की गयी थी, लेकिन अब इसकी संख्या बढ़कर 16 हो चुकी है. झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के 16 ठिकानों पर अब छापामारी की जा रही है. वे आरपी साहू एंड कंपनी से भी जुड़े हुए है. इस कंपनी के माध्यम से भी उन्होंने आयरन ओर माइंस को लेकर कारोबार की है. इस कारोबार का कहीं न कहीं जुड़ाव सज्जन नरेडी की है. शेल कंपनी और खनन घोटाला से लेकर आइएएस पूजा सिंघल के मामले से भी सज्जन नरेडी का कनेक्शन खुलकर सामने आया है, जिसको लेकर सज्जन नरेडी से लगातार पूछताछ की जा रही है. करीब 500 करोड़ के अघोषित ट्रांजैक्शन की भी जानकारी आयकर विभाग को अब तक मिल चुकी है, जिसके बारे में उनसे क्रॉस कनेक्शन किया जा रहा है.
सज्जन नरेडी के आयकर जांच में इडी भी हो सकती है शामिल
सूत्रों के मुताबिक, सज्जन नरेडी के साथ जिस तरह के कागजात मिले है और जिस तरह के कारोबार का पता चला है, उससे यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि कहीं न कहीं सज्जन नरेडी के मामले की जांच में अब सीधे तौर पर प्रवर्तन निदेशालय (इडी) शामिल हो सकती है. वजह यह है कि शेल कंपनी और खनन घोटाले से जुड़े लोगों के साथ सज्जन नरेडी की संलिप्तता का पता चला है. वैसे अब तक आयकर विभाग और ना ही खुद सज्जन नरेडी कुछ बोलने की स्थिति में है.
एक साल पहले निदेशक के पद से हटाये जा चुके है सज्जन नरेडी, कहीं घोटाले का यहीं राज तो नहीं
सज्जन नरेडी को टीपी साव व कंपनी से करीब एक साल पहले निदेशक पद से हटाया गया था. कहीं न कहीं घोटाले का यहीं राज तो नहीं है कि आखिर एक साल पहले उनको निदेशक के पद से क्यों हटाया गया. टीपी साव कंपनी हो या फिर आरपी साहू कंपनी, ये दोनों कंपनियां काफी पुरानी खनन कंपनियां है, जिसका हेड ऑफिस पश्चिम सिंहभूम के चाईबासा ही है. यहीं वजह है कि यह हो सकता है कि सज्जन नरेडी के मामले की जांच का दायरा अब और बढ़ता जा रहा है.