जमशेदपुर : जमशेदपुर कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसला में दहेज के लिए आत्महत्या करने के लिए उत्प्रेरित करने के आरोपी ससुरालवालों को दस साल की कठोर सजा सुनायी है. इस मामले में जमशेदपुर कोर्ट के एडीजे 10 अनुज कुमार ने अपने फैसले में कहा है कि आरोपी सोनारी दुर्गा पूजा मैदान के पास रहने वाले माधो कुमार उर्फ करण कुमार इस मामले में दोषी है, जिसको यह सजा सुनायी गयी. इस मामले में धारा 306 यानी आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के लिए 10 साल का कठोर सजा और 25 हजार रुपये का अर्थदंड और अर्थदंड नहीं देने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास जबकि भादवि की धारा 498 ए के तहत तीन साल का कठोर सजा और 5 हजार रुपये का अर्थदंड दिया गया है. इस मामले को लेकर 14 मार्च 2018 एक मामला मृतका की मां सोनारी दुर्गा पूजा मैदान के पास रहने वाली सुधा देवी (पति बिरेंद्र मंडल) ने एक मुकदमा दायर किया था. इस केस में 8 गवाही हुई, जिसमें सारे आरोप सही साबित हुए. सुधा देवी ने सोनारी थाना में दायर मुकदमा में कहा था कि उनकी बेटी निशा देवी ने 2016 में माधो कुमार से सोनारी के रुपनगर में प्रेम विवाह किया था. बेटी की शादी के बाद से ही उसका पति माधो कुमार और उसकी मां कमला देवी, उसका भाई छोटका कुमार रुपये के लिए प्रताड़ित करते थे. तीनों उनकी बेटी से कहते थे कि रुपया मांगकर लाओ नहीं तो मारकर फेंक देंगे. रुपये नहीं देने पर माधो कुमार और उसकी मां और उसका भाई उसकी बेटी के साथ मारपीट करता था. 14 मार्च 2018 को रात को करीब 9.30 बजे बेटी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. दहेज मांगने और मारपीट के कारण फांसी लगाने की बात मां ने लगायी है. डॉक्टरी रिपोर्ट में भी मृतका के साथ मारपीट की पुष्टि हुई थी. करीब दो साल के बाद अब न्याय मिला, जिसमें पति माधो कुमार उर्फ करण कुमार को दोषी पाया गया. इस मामले को लेकर लोक अभियोजक सुशील कुमार जायसवाल ने काफी मेहनत की, जिसके बाद आरोपी पति को दोषी ठहराया गया. जो अर्थदंड कोर्ट ने लगायी है, उसकी राशि मृतका की मां को देने का भी आदेश दिया गया है.
jamshedpur-court-decision-सोनारी में दहेज के लिए प्रताड़ित कर लड़की को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले ससुरालवालों को मिली दस साल की कठोर सजा, जिसकी बेटी की हुई मौत, लगाया अर्थदंड, पैसे पीड़िता मां को मिलेगा
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