जमशेदपुर : जमशेदपुर के होटल अलकोर के तथाकथित तौर पर वेश्यावृति के मामले में जेल भेजे गये होटल के मालिक राजीव दुग्गल समेत अन्य लोगों की जमानत याचिका पर शनिवार को जमशेदपुर कोर्ट में सुनवाई हुई. इस सुनवाई के दौरान होटल अलकोर के मालिक राजीव दुग्गल की ओर से ऑनलाइन सुनवाई के दौरान झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा और अन्य आरोपियों के वकीलों ने बहस किया. इस बहस के बाद जमशेदपुर कोर्ट के जिला जज ने सुनवाई को 28 मई तक के लिए टाल दिया है. 28 मई को फिर से जमानत की अर्जी पर सुनवाई होगी. इस बीच कोर्ट ने सारे आरोपियों के मामले में जमशेदपुर पुलिस से केस डायरी तलब किया है. पांच दिनों में अब जमशेदपुर पुलिस को इस मामले में केस डायरी जमा करना होगा. केस डायरी को जमा करने के बाद पुलिस का पक्ष देखने के बाद आगे जमानत पर जमशेदपुर कोर्ट कोई फैसला लेगी. पुलिस की ओर से इस मामले में नौ लोगों को जेल भेजा गया है. इस पूरे मामले की अलग से सुनवाई चल रही है. वैसे इस केस को ही रद्द करने की एक याचिका भी झारखंड हाईकोर्ट में लगायी गयी है. लेकिन वहां भी सुनवाई नहीं हो पायी है. आरोप यह है कि होटल अलकोर में लॉकडाउन के दौरान वहां स्पा का संचालन किया जा रहा था जबकि वहां वेश्यावृति करने का भी मामला सामने आया था. इस मामले को लेकर पुलिस ने होटल अलकोर के मालिक राजीव दुग्गल, कोलकाता से आयी एक महिला, राजू भालोटिया, शरद पोद्दार, दीपक अग्रवाल, राजेश मंगोतिया उर्फ लड्डू मंगोतिया, दीपक अग्रवाल, राहुल अग्रपवाल, होटल के मैनेजर धनंजय सिंह और रजत जग्गी को जेल भेजा था.
सिख समाज और कारोबारियों में गुस्सा
इस मामले को लेकर सिख समाज के लोग और कारोबारियों में काफी गुस्सा देखा जा रहा है. इस मामले को लेकर सिख समाज का कहना है कि गलत तरीके से राजीव दुग्गल को जेल भेजा गया है जबकि कारोबारियों का यह कहना है कि इस मामले में चूंकि सारा काम मालिक नहीं देखता है, इस कारण किसी भी मामले में सिर्फ अलकोर के मालिक को जेल भेजना गलत है. सिख समाज के लोगों ने तो इस मामले को लेकर डीजीपी से लेकर हर स्तर पर अधिकारियों से मुलाकात भी की है.