जमशेदपुर : मानगो की चटाई कॉलोनी एवं एमजीएम थानांतर्गत बालीगुमा में अरुण पर फायरिंग के मामले में पंकज बंदर, किशोर रजक एवं उसके भाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. हालांकि इसी मामले में पकड़ाये गैंग्स्टर अमरनाथ को एक मंत्री के दबाव में पुलिस द्वारा छोड़ दिये जाने की चर्चा जोर पर है. अमरनाथ मंत्री का खास आदमी बताया जाता है. बता दें कि विगत शुक्रवार को हुई इस वारदात के बाद पुलिस ने मानगो गौड़ बस्ती में छापामारी कर पंकज बंदर, किशोर रजक, उसके छोटे भाई छोटू उर्फ अशोक रजक के साथ गैंग्स्टर अमरनाथ एवं मुकेश को भी पकड़ा था, जिन्हें थाना लेजाकर गहन पूछताछ की गयी. (नीचे भी पढ़ें)
पूछताछ में गैंग्स्टर अमरनाथ की घटना में संल्लिप्तता की बात सामने आने की भी चर्चा है, किन्तु पुलिस द्वारा उसे छोड़ दिये जाने को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. बताया जाता है कि किशोर ने अपने साथियों के साथ मिल कर सुरेंद्र शर्मा के घर पर फायरिंग की थी. इस मामले में सुरेंद्र के बेटे राहुल कुमार शर्मा के आवेदन पर पुलिस ने किशोर रजक, छोटू उर्फ अशोक रजक, राजा थापा उर्फ नेपाली, प्रदीप सिंह, अमर ठाकुर, कुणाल गोस्वामी, गौरव राय एवं पंकज बंदर के अलावा 7-8 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. बताते हैं कि पुलिस ने गौड़ बस्ती में जब उनकी गिरफ्तारी के लिए छापा मारा, उस समय वे सभा वहां शराब पार्टी मना रहे थे, लेकिन उस समय सिर्फ अमरनाथ, पंकज बंदर व, किशोर, अशोक एवं मुकेश ही पुलिस की पकड़ में आये थे. बताया जा रहा है कि पूछताछ में अमरनाथ द्वारा घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार किये जाने के बाद भी पुलिस ने उसे मंत्री के दबाव में छोड़ दिया. वहीं दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि वारदात में अमरनाथ की संलिप्तता नहीं मिलन के कारण पुलिस ने उसे छा है.