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saraikela-jail-manual-violation-case-सरायकेला जेल में विचाराधीन कैदियों के साथ हुई मारपीट के मामले को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की बड़ी कार्रवाई, ”शार्प भारत की खबर” की खबर को आयोग ने बनाया आधार, जेल प्रशासन से पूछे ये सवाल

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सरायकेला : सरायकेला- खरसावां जिले में शार्प भारत की खबर का असर हुआ है. जहां राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने शार्प भारत की खबर पर संज्ञान लेते हुए डायरेक्टर जनरल ऑफ जेल से 4 सप्ताह में बीते 19- 20 मई की रात्रि को विचाराधीन कैदी अफसर अली और राकेश लोहार के साथ मारपीट मामले का विस्तृत ब्यौरा तलब किया है. आपको बता दें कि सरायकेला मंडल कारा में विचाराधीन कैदी अफसर अली और राकेश लोहार के साथ बीते 19- 20 मई की रात्रि को मारपीट की घटना घटित हुई थी. जिसके बाद बीते 22 मई को राकेश लोहार के पिता ने सरायकेला थाने में सिपाही भीम सिंह जामुदा और जमादार सियाराम शर्मा पर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था. शार्प भारत ने मामले को गंभीरता से प्रकाशित किया था. जिसपर कोडरमा निवासी मानवाधिकार कार्यकर्ता ओंकार विश्वकर्मा ने राष्ट्रीय मानवाधिकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया था. जहां आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए डायरेक्टर जनरल ऑफ जेल को पत्र लिखकर 4 हफ्ते के भीतर पूरे मामले का ब्यौरा तलब किया है. इस आशय की प्रतिलिपि राज्य पुलिस महानिरीक्षक एवं जेल अधीक्षक को भी भेज दी गई है. आयोग के इस कार्रवाई के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. अब देखना यह दिलचस्प होगा की बलि का बकरा कौन बनता है. जेल अधीक्षक या सिपाही अथवा जमादार.

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